भोपाल, जुलाई 2014/ प्रदेश में अमानक उर्वरक और बीज प्रदाय करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है। ऐसे मामलों में हाल ही में आठ एफआईआर भी दर्ज की गई हैं। यह जानकारी मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा द्वारा प्रदेश के कृषि अनुमान के संबंध में कलेक्टरों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान दी गई। मुख्य सचिव ने कहा कि अमानक खा़द और बीज प्रदाय करने वालों पर राज्य सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा अध्यादेश में भी कार्यवाही करने में पीछे नहीं रहेगी।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के अमानक उर्वरक और बीज प्रदाय करने वालों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश के परिपालन में प्रदेश में विभिन्न जिलों में कार्यवाही तेज कर दी गई है। अब तक खंडवा,धार और झाबुआ जिले में यह कार्यवाही हुई है। कलेक्टर मुरैना ने जानकारी दी कि जिले में 109 सेम्पल लिये जा चुके हैं। अन्य जिलों में भी सेंपल लिए जा रहे हैं। कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मदनमोहन उपाध्याय ने कलेक्टर्स से जिलों में गेहूँ, मक्का और चना के अनुमानित उत्पादन की जानकारी प्राप्त की।
मुख्य सचिव श्री डिसा ने कलेक्टर्स को 3 दिवस में अनुमानित कृषि उत्पादन की वास्तविक और अद्यतन जानकारी भेजने को कहा। आवश्यक विवरण वेबसाइट पर भी अंकित करने के निर्देश दिए गए। आयुक्त भू-अभिलेख के माध्यम से यह विवरण भारत सरकार को भेजा जाना है। मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि फसलों के तहसीलवार क्षेत्रफल की जानकारी भेजी जाए। कान्फ्रेंस के दौरान मुख्य सचिव ने ग्रीष्मकालीन फसलों के उत्पादन की जानकारी ली। अब तक हुई वर्षा और कृषि की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा हुई। कान्फ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव राजस्व आर के चतुर्वेदी और आयुक्त भू-अभिलेख राजीव रंजन भी उपस्थित थे। प्रमुख सचिव कृषि राजेश राजौरा ने कलेक्टर्स को किसानों के फसल बीमा के दावे इसी माह सेटल करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि खरीफ 2013 में अति वर्षा के कारण किसानों को भारी फसल क्षति का सामना करना पड़ा था।