भोपाल, अप्रैल 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुगालिया कोट स्थित रघुवेश वेयर हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड गेहूँ खरीदी केन्द्र का अचानक निरीक्षण किया। उन्होंने किसानों की गेहूँ से भरी ट्रालियों का अपने सामने दो-दो बार वजन करवाया। तौल में अंतर दिखाई देने पर उन्होंने भोपाल से टीम भेजकर जाँच करवाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल से भेजी गई टीम पूरी व्यवस्था का निरीक्षण करेगी। तुलाई सहित किसी भी व्यवस्था में गड़बड़ी पाये जाने पर कठोर कार्रवाई की जायेगी। गड़बड़ी करने वाला कोई भी हो बचेगा नहीं। किसानों के साथ पूरे प्रदेश में कहीं भी अन्याय नहीं होने दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने यहाँ उपस्थित किसानों से अलग-अलग बात की और खरीदी से संबंधित जानकारी ली। श्री चौहान ने किसानों से खरीदे गये गेहूँ के नमूने देखे और नमूना लेने की प्रक्रिया को भी सूक्ष्मता से देखा। यहाँ उपस्थित किसानों को श्री चौहान ने बताया कि सभी केन्द्रों को असामयिक वर्षा और ओला वृष्टि से चमक खो चुके और पतले गेहूँ खरीदने के निर्देश दिये गये हैं। इस संबंध में केन्द्र सरकार से भी बात हो गई है। उन्होंने कहा कि किसानों से गेहूँ खरीदा जाये, इसकी जबावदारी कलेक्टरों और संबंधित केन्द्र के प्रभारियों को दी गई है। गेहूँ नहीं खरीदे जाने की घटना को गंभीरता से लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान मुगालिया कोट स्थित स्टील साइलो स्टोरेज प्लान्ट खरीदी केन्द्र में तौल की गड़बड़ी संबंधी किसानों की शिकायतों पर आकस्मिक जाँच के लिये पहुँचे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के अन्य खरीदी केन्द्रों का भी वे इसी तरह आकस्मिक निरीक्षण करेंगे। उन्होंने मुगालिया कोट के खरीदी केन्द्र में स्थित इलेक्ट्रॉनिक तौल काँटे में अनेक किसान की ट्रालियों का वजन करवा कर देखा। एक ट्राली में तौल में दस से बीस किलो का अंतर देखने को मिला। कलेक्टर श्री निशांत वरवड़े भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
सभी स्थानों पर गेहूँ खरीदी शुरू
इस बीच किसानों की सहूलियत के लिए सभी स्थानों पर गेहूँ खरीदी केंद्र स्थापित कर दिए गए हैं। गेहूँ खरीदी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री निवास पर गेहूँ खरीदी के सम्बन्ध में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। नियंत्रण कक्ष का टेलीफोन नम्बर 2540500 है। पूरे प्रदेश से कोई भी किसान इस नंबर पर गेहूँ खरीदी से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज करवा सकता है। किसानों की शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही होगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि शिकायतकर्ता किसान की बात धैर्य और संवेदनशीलता से सुनें। शिकायत निराकरण के बाद संबंधित किसान से बात करें। नियंत्रण कक्ष में प्राप्त हो रही शिकायतों के मद्देनजर सभी खरीदी केन्द्रों को निर्देश दिए जा रहे हैं।