भोपाल, अप्रैल 2015/ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री कुँवर विजय शाह ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर प्रदेश में असमय हुई ओला एवं अति-वृष्टि से फसलों को हुई भारी क्षति और किसानों के गंभीर संकट की जानकारी देते हुए उनसे गेहूँ उपार्जन मानदण्डों में दी गई छूट पर मूल्य कटौती जैसी शर्तों को समाप्त करने का आग्रह किया है।

खाद्य मंत्री कुँवर शाह ने कहा कि प्रदेश में हुई प्राकृतिक आपदा से गेहूँ की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। कहीं दाना छोटा रह गया, कहीं सिकुड़ा हुआ और चमकविहीन भी है। केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने हाल ही में ऐसे गेहूँ के सशर्त उपार्जन की छूट दी है। इन शर्तों में मूल्य कटौती के साथ-साथ छूट अंतर्गत उपार्जित गेहूँ को राज्य में ही लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत ही उपयोग की हिदायत दी है। खाद्य मंत्री कुँवर शाह ने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया कि इन शर्तों से प्रदेश के किसानों के हितों पर कुठाराघात होगा और राज्य सरकार के सरप्लस भण्डार के निवर्तन में कठिनाई भी। उन्होंने प्रधानमंत्री से किसानों को दिये जाने वाले मूल्य में कटौती न करने और छूट के प्रावधान के अंतर्गत उपार्जित गेहूँ को भी भारतीय खाद्य निगम द्वारा परिदान में स्वीकार करने जैसी व्यवस्था बनाने का आग्रह किया है।

मध्यप्रदेश में औसतन 70 से 80 लाख मीट्रिक टन गेहूँ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित किया जाता रहा है। इसमें से केवल 25 लाख मीट्रिक टन गेहूँ ही राज्य की लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में उपयोग होता है। खाद्य मंत्री ने इस संबंध में केन्द्रीय खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखकर किसानों के हित में मूल्य कटौती जैसी शर्त को समाप्त कर उपार्जित गेहूँ को भारतीय खाद्य निगम को परिदान में दिये जाने का भी अनुरोध किया है।

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