भोपाल, अक्टूबर 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कटनी से लौटकर जबलपुर जिले के आदिवासी बहुल कुण्डम तहसील के ग्राम पिपरिया और अमझर का आकस्मिक दौरा किया। दोनों गाँव में किसानों एवं ग्रामीणों से फसलों की स्थिति का ब्यौरा लिया। कहा कि किसानों को खेती के अलावा आय के वैकल्पिक स्रोत की कार्य-योजना बनाई जायेगी।

मुख्यमंत्री ने ग्राम अमझर में आदिवासी कृषक पतिराम झारिया के यहाँ ग्रामीणों और किसानों की चौपाल भी लगाई। श्री चौहान ने कम वर्षा से अमझर और आसपास की फसलों को हुए नुकसान की जानकारी किसानों से ली और उन्हें खेती के साथ-साथ पशुपालन, दुग्ध उत्पादन और सब्जी की खेती जैसे रोजगार के वैकल्पिक साधनों को अपनाने की सलाह दी। श्री चौहान ने इस बारे में किसानों की राय भी जानी और अमझर के समग्र विकास की तथा किसानों को रोजगार के वैकल्पिक साधन मुहैया करवाने की कार्य-योजना तैयार करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से चर्चा के दौरान क्षेत्र में सिंचाई के उपलब्ध साधनों पर भी चर्चा की। ग्रामीणों द्वारा फसलों के लिए पानी की जरूरत और क्षेत्र में भू-जल स्तर नीचे होने की जानकारी दिये जाने पर मुख्यमंत्री ने अमझर और इसके आसपास के क्षेत्र में स्टाप डेम और तालाबों के निर्माण के लिए सर्वे करने के निर्देश दिये। श्री चौहान ने किसानों को आश्वस्त किया कि उन्हें किसी भी तरह परेशान होने की जरूरत नहीं है। कम वर्षा के कारण उपजे सूखे के हालात से निपटने के लिये सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है। किसानों को हरसंभव मदद उपलब्ध करायेगी।

मुख्यमंत्री ने भाँजे-भाँजियों से भी चर्चा की और उनसे पढ़ाई-लिखाई के बारे में पूछा। बच्चों ने उन्हें बताया कि वे नियमित स्कूल जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बच्चों से कहा कि वे खूब पढ़ें, उनकी पढ़ाई में आने वाली हर बाधाओं को सरकार दूर करेगी। श्री चौहान ने बच्चों से पूछा कि उन्हें गणवेश और पाठ्य पुस्तकें मिली हैं कि नहीं? बच्चों ने बताया कि उन्हें पढ़ाई की सभी सामग्री प्राप्त हो रही है।

मुख्यमंत्री ने अमझर की चौपाल में ग्रामीणों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली में खाद्यान्न के वितरण की स्थिति भी जानी। लगभग सभी लोगों ने श्री चौहान को बताया कि उन्हें एक रूपये किलो की दर पर गेहूँ और एक रूपये किलो की दर से चावल प्राप्त हो रहा है।

ग्रामीणों से चर्चा के पहले मुख्यमंत्री सड़क से लगे खेत में भी गये। स्थानीय निवासियों ने बताया कि इस क्षेत्र में धान की फसल को 75 फीसदी नुकसान हुआ है। जहाँ पानी नहीं मिला वहाँ अरहर की फसल को नुकसान हुआ है।

मुख्यमंत्री अमझर के पहले कुण्डम मार्ग पर स्थित ग्राम पिपरिया भी पहुँचे और यहाँ भी किसानों से फसलों के बारे में पूछताछ की।

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