भोपाल, अक्टूबर 2015/ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री कुँवर विजय शाह ने जम्मू कश्मीर के खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री चौधरी जुल्फकार अली को मंत्रालय में बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश श्रेष्ठ राज्य में रहा है। समय-समय पर केन्द्रीय खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्रालय ने इसकी प्रशंसा भी की है।
जम्मू कश्मीर के खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री चौधरी जुल्फकार अली के साथ एक प्रतिनिधि-मण्डल प्रदेश में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की गतिविधियाँ जानने मध्यप्रदेश आया हुआ है। बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति श्री अशोक वर्णवाल भी मौजूद थे। आयुक्त खाद्य, नागरिक आपूर्ति श्री मनोहर अगनानी ने बताया कि अधिनियम के तहत 5 करोड़ 46 लाख व्यक्ति को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का कवर दिया गया है। पात्र परिवार को ई-राशन कार्ड दिये गये हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूती देने के लिये इसका कम्प्यूटराइजेशन किया गया है। ‘समग्र” पोर्टल तैयार किया गया है। समग्र में पात्र परिवारों, उचित मूल्य दुकानों, खाद्यान्न आवंटन की जानकारी को दर्शाया गया है।
मंत्री कुँवर शाह ने बताया कि अधिनियम का क्रियान्वयन प्रदेश में एक मार्च, 2014 से किया गया है। अंत्योदय परिवार के साथ 22 अन्य वर्ग के लोगों को प्राथमिकता परिवार की सूची में शामिल किया गया है। प्राथमिकता परिवार की सूची में ऐसे वंचित एवं कमजोर वर्ग के लोगों को भी शामिल किया गया है, जिनकी पंचायतें मुख्यमंत्री निवास पर हुई। प्रतिनिधि-मण्डल को खाद्य सुरक्षा पर्व की भी जानकारी दी गई। आयुक्त श्री मनोहर अगनानी ने बताया कि खाद्य सुरक्षा पर्व में जून, 2014 में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के ऐसे लोगों को शामिल किया गया, जो इनके पात्र थे। इसमें जाति प्रमाण-पत्र के लिये स्व-प्रमाणीकरण की सुविधा दी गयी थी। प्रतिनिधि-मण्डल को विभागीय पोर्टल food.mp.gov.in की भी जानकारी दी गई।
द्वार प्रदाय योजना
बैठक में बताया गया कि खाद्यान्न सामग्री समय पर हितग्राही तक पहुँच सके, इसके लिये द्वार प्रदाय योजना शुरू की गयी है। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण के लिये इसे सी.एम. हेल्पलाइन 181 से जोड़ा गया है। समस्याओं का निराकरण 4 स्तर पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
प्रतिनिधि-मण्डल को प्रणाली को और अधिक मजबूती देने के लिये आने वाले समय में लागू की जाने वाली बॉयो-मेट्रिक प्रणाली के बारे में भी बताया गया। प्रदेश में जल्द ही उपभोक्ता को उनके अँगूठे की पहचान पर खाद्यान्न सामग्री मिलने की सुविधा होगी। इस व्यवस्था के लागू होने पर प्रणाली को 100 प्रतिशत त्रुटिहीन बनाया जा सकेगा।