भोपाल, अक्टूबर 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश में दालों की कीमतों की उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा की गई। समीक्षा में यह पाया गया कि पिछले दिनों दाल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इससे दाल के व्यापार पर स्टॉक सीमा नियंत्रण आदेश लागू करने का निर्णय लिया गया। साथ ही मुख्यमंत्री ने जमाखोरी एवं कालाबाजारी की जाँच के लिए सघन अभियान चलाने और ऐसे लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से दाल की कीमतों की जानकारी ली। निर्देश दिए है कि दाल पर तत्काल स्टॉक सीमा एवं अन्य नियंत्रण संबंधी प्रावधान लागू किए जाएं। साथ ही कालाबाजारी एवं जमाखोरों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए। सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि दाल के जमाखोरों के विरूद्ध जाँच का अभियान चलाया जाये। साथ ही जमाखोरी पाए जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। बैठक में मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री इकबाल सिंह बैस, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अशोक वर्णवाल एवं सचिव मुख्यमंत्री विवेक अग्रवाल भी उपस्थित थे।

राज्य शासन ने प्रदेश में दाल के व्यापार को नियंत्रित करने के लिए मध्यप्रदेश आवश्यक वस्तु व्यापारी स्टॉक सीमा तथा जमाखोरी पर निर्बंधन आदेश, 2015 लागू किया है। इसके अंतर्गत मुख्य रूप से दाल के व्यापारी, कमीशन अभिकर्ता एवं प्रसंस्करणकर्ता पर व्यापार एवं संग्रहण के लिए अधिकतम स्टॉक सीमा लागू की गई है। इसमें तुअर, मूंग, उड़द एवं मसूर साबूत एवं धुली हुई पर थोक व्यापारी पर 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों के लिए 2000 क्विंटल, 3 लाख से 10 लाख जनसंख्या वाले शहर पर 1000 क्विंटल एवं 3 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में 500 क्विंटल की अधिकतम स्टॉक सीमा रखी गई है।

इसी प्रकार इन दालों के फुटकर व्यापारी पर 3 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों के लिए 50 क्विंटल तथा 3 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में 40 क्विंटल की अधिकतम स्टॉक सीमा रखी गई है। इसके अतिरिक्त व्यापारियों को स्टॉक एवं मूल्य प्रदर्शन करने पर पाक्षिक विवरणी दिए जाने के भी प्रावधान लागू किए गए है।

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