भोपाल, मई 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में कृषि महोत्सव के दौरान हुए कृषि उत्पाद संगठनों के महा-सम्मेलन में कहा कि सरकार किसानों के लिये एक ऐसी योजना प्रारंभ करने पर विचार कर रही है, जिसमें किसानों को 100 रुपये की खाद-बीज सामग्री के लिये ऋण लेने पर 90 रुपये वापस करना होंगे। उन्होंने किसानों की प्रोड्यूसर कम्पनी को सार्वजनिक उपक्रम को मिलने वाली सरकारी सुविधाएँ देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि खाद्य प्र-संस्करण इकाई को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा और कोल्ड-स्टोरेज और कोल्ड-चेन के निर्माण में सहायता भी मिलेगी।

श्री चौहान ने कहा कि कृषि उत्पादन संगठनों के गठन में मध्यप्रदेश सबसे आगे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि उत्पाद संगठन को बेंको से ऊँची दर पर मिलने वाले ऋण पर राज्य शासन ब्याज अनुदान उपलब्ध करवायेगी। किसान कम्पनियाँ खाद्य प्र-संस्करण के क्षेत्र में आगे आयें। इससे खेती फायदे का धंधा बनेगी और किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट आयेगी। सम्मेलन में नगरीय विकास तथा पर्यावरण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन, राज्य मंत्री दीपक जोशी एवं राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष हिम्मत कोठारी भी उपस्थित थे।

श्री चौहान ने कहा कि आज प्रदेश की बीज प्रतिस्थापन की दर 30 प्रतिशत तक पहुँच गयी है। यह उपलब्धि हमें किसानों की कम्पनी बनने के कारण मिली है। प्रदेश में होने वाले उत्पादन को बड़ी कम्पनियाँ ऊँचे दामों पर बेचती हैं तो हमारी फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनियाँ ऐसा क्यों नहीं कर सकती। कम्पनी खेतों पर ही ग्रेडिंग, पेकिंग और सेलिंग करें, तभी किसान समृद्ध बनेगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों को सालाना गेहूँ पर दिया जाने वाला बोनस सरकार के पास सुरक्षित है। इस राशि से एक नयी योजना शुरू करने पर सरकार विचार कर रही है। योजना में अगर किसान 100 रुपये का खाद-बीज लेता है, तो उसे 90 रुपये लौटाने होंगे। इसके साथ ही सरकार किसानों को आपदा में पर्याप्त राहत देने के लिये नयी फसल बीमा योजना बनाने पर विचार कर रही है। योजना जब मूर्तरूप लेगी तो मध्यप्रदेश देश-दुनिया का पहला राज्य होगा, जहाँ ऐसी योजना लागू होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश से लोग इजराइल की खेती देखने जाते हैं। आने वाले समय में हम खेती-किसानी के लिये इतनी सुविधाएँ विकसित कर लेंगे कि लोग मध्यप्रदेश की खेती देखने आयेंगे। इसमें किसानों का सहयोग और इच्छा-शक्ति जरूरी है। उन्होंने बताया कि 2300 करोड़ रुपये की नर्मदा-गंभीर लिंक परियोजना तैयार हो रही है। पार्वती और कालीसिंध नदी को जोड़ने के भी प्रयास चल रहे हैं।

फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनियों एवं अन्य क्रेता-विक्रेताओं के मध्य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में मंच पर एमओयू एक्सचेंज किये गये। इनमें एमबीसीएफपीसीएल के श्री योगेश द्विवेदी एवं एक्स रियल के अर्नो, इण्डो यूएस सीड्स के श्री पटेल तथा समर्थ किसान बीज प्रोड्यूसर कंपनी के रामसिंह एवं सहकारी बीज उत्पादन समितियों के मध्य एमओयू के आदान-प्रदान हुए।

श्री चौहान ने सम्मेलन में सहकारी समितियों को बीज उत्पादक लायसेंस, किसानों को मृदा स्वास्थ्य-कार्ड और किसान क्रेडिट-कार्ड वितरित किये।

कृषि यंत्रों, खाद, बीज, दवाओं एवं शासकीय योजनाओं पर आधारित आकर्षक प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें विभिन्न कंपनी के 92 स्टॉल लगाये गये। सिंहस्थ-2016 पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी सम्मेलन में लगायी गयी। सम्मेलन को कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने भी संबोधित किया।

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