भोपाल, अक्टूबर 2014/ मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक जिला कलेक्टर माह में एक बार स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा करें। इसके साथ ही प्रदेश में संचालित ममता अभियान को भी गति दी जाए, जिससे माताओं और बच्चों की स्वास्थ्य रक्षा का कार्य बेहतर तरीके से हो सके। श्रेष्ठ कार्य करने वाले कलेक्टर पुरस्कृत होंगे। प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपए का होगा। माह के प्रथम मंगलवार को ममता दिवस के आयोजन के साथ ही परिवार कल्याण गतिविधियों, बच्चों के टीकाकारण और मौसमी रोगों का इलाज करने के साथ ही उनसे बचाव की पूर्व तैयारी पर भी पूरा ध्यान दिया जाए। मुख्य सचिव वीडिओ कान्फ्रेंसिंग द्वारा जिला कलेक्टर और स्वास्थ्य अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे।
कान्फ्रेंस में बताया गया कि नवंबर माह में राज्य में 200 स्वास्थ्य केंद्र के नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण किया जाएगा। राज्य में इस वर्ष 1100 स्वास्थ्य केंद्र भवन बनकर तैयार होने हैं। प्रदेश में अस्पतालों में स्वच्छता के लिए 78 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी स्वास्थ्य योजनाओं के अच्छे क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और जिला स्तर पर अन्य विभाग का अमला भी गतिशील रहे। मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्कूल चलें हम अभियान, कृषि महोत्सव, उद्योगों के विकास के साथ ही राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में संचालित कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में तेजी लाने को प्राथमिक सूची में शामिल किया है। कान्फ्रेंस में मुख्य सचिव ने योजनावार जिलों में संचालित गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण ने कहा कि मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से प्रदेश में ममता अभियान संचालित है। अस्पतालों के कायाकल्प का कार्य हाथ में लिया गया है। प्रत्येक सप्ताह राज्य स्तर पर कार्यों की ई-समीक्षा पेपरलेस मीटिंग में की जाती है। आशा कार्यकर्त्ता के साथ ही अन्य श्रेष्ठ कार्य करने वाले कार्यकर्त्ता भी पुरस्कृत होंगे।
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव मनोज झालानी ने प्रदेश के रीवा, हरदा और छतरपुर के कुछ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के कार्य के अवलोकन का अनुभव बताते हुए अपेक्षा की कि अन्य जिलों में संस्थागत प्रसव, टीकाकरण और बीमारियों के इलाज का कार्य इसी कर्त्तव्यनिष्ठा से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का स्वास्थ्य से गहरा संबंध है। इसलिए अस्पताल और अधिक साफ-सुथरे बनाए जाएं। श्री झालानी ने मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य कार्यक्रमों के अच्छे संचालन पर प्रसन्नता व्यक्त की।
स्वास्थ्य आयुक्त पंकज अग्रवाल और मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन फैज अहमद किदवई ने कान्फ्रेंस के दौरान जिला स्तर पर क्रियान्वित योजनाओं को और गति देने के निर्देश दिए।
वीडिओ कान्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आईएफए गोलियों के उपयोग के लिए परामर्श देने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। पन्ना जिले में घर-घर पहुँचकर यह कार्य किया जा रहा है। एनीमिया की कमी से ही प्रसव मृत्यु का खतरा बढ़ता है। पन्ना जिले की तरह अन्य जिलों द्वारा भी कमजोर माताओं और शिशुओं को स्वस्थ बनाने में उपयोगी आयरन टेबलेट के वितरण को व्यवस्थित बनाया जा सकता है। प्रदेश में वृहद स्तर पर गर्भवती और अन्य स्त्रियों एवं स्कूली बच्चों को आयरन गोलियों की खुराक देने का कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा।