भोपाल, अगस्त 2015/ मध्यप्रदेश के स्कूलों में शिक्षा के स्तर के सुधार के लिये अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं। इसी सिलसिले में हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के परीक्षा परिणाम को बेहतर बनाने के उपाय किये जा रहे हैं। पिछले सत्र में ऐसे स्कूल जिनका 10वीं का परीक्षा परिणाम राज्य के 10वीं के रिजल्ट के औसत से 10 प्रतिशत से भी कम रहा है, उन्हें निकट के अच्छे परिणाम देने वाले स्कूल से जोड़ा जायेगा। राज्य-स्तरीय गुणवत्ता समूह की पिछली बैठक में यह निर्णय लिया गया था। निर्णय के बाद इसके क्रियान्वयन के लिये राज्य शासन में सभी डीईओ को निर्देश दिये हैं।

कम रिजल्ट लाने वाले स्कूलों को उत्कृष्ट या ऐसे विद्यालयों से संलग्न करने के लिये उन्हें मेंटर बनाते हुए कार्यवाही की जायेगी। इस प्रकार के मेंटर विद्यालय के प्राचार्य, स्टॉफ और अन्य संसाधन का उपयोग कम परीक्षा परिणाम वाले संलग्न किये गये स्कूलों के रिजल्ट में सुधार के लिये किया जायेगा। इसके लिये विभिन्न गतिविधि चलाई जायेगी।

मेंटर विद्यालय के प्राचार्य संलग्न विद्यालय का भ्रमण कर स्टॉफ के साथ समीक्षा करेंगे। कम परीक्षा परिणाम के कारणों को चिन्हित कर उसके उन्नयन के लिये कार्य-योजना बनाकर क्रियान्वयन करवाया जायेगा। मेंटर विद्यालय के शिक्षक जरूरत के अनुसार अपने कार्य के अलावा एक या अधिक कालखण्ड में पढ़ाने का कार्य करेंगे। संलग्न विद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थियों को मेंटर विद्यालय का भ्रमण करवाया जायेगा। भ्रमण के दौरान उन्हें प्रयोगशाला और लायब्रेरी आदि मुख्य गतिविधि का अवलोकन करवाया जायेगा।

शासन ने कम रिजल्ट वाले स्कूलों के लिये मेंटर विद्यालय निर्धारित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। चिन्हित विद्यालय, उनके परीक्षा परिणाम और मेंटर विद्यालय की सूची एक सप्ताह के भीतर भेजने को कहा गया है।

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