भोपाल, 02 जून, एजेंसीः मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आम लोगों की शिकायतें दर्ज करने और शासन की योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी देने के लिए भोपाल में स्थापित कॉल सेंटर को लगभग चार वर्षो में 27 लाख 7 हजार से अधिक कॉलें आई हैं। इनमें से 1 लाख 3 हजार कॉलें शिकायत निवारण के संबंध में हैं और बाकी कॉलें जानकारी प्राप्त करने के लिए आईं हैं । 1 लाख से अधिक शिकायतों में से 91 हजार 454 का निराकरण हो गया है।
कॉल सेंटर के प्रति आम आदमी की रुचि को ध्यान मे रखकर सरकार के स्तर पर निर्णय लिया गया है कि कॉल सेंटर परियोजना की समीक्षा प्रतिमाह मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली वीडियो कांफ्रेंसिंग में नियमित विषय के रूप में की जाएगी। यहां कॉल सेंटर की स्थापना सितंबर 2008 में की गई थी। टोल फ्री नंबर पर फोन कर किसी भी स्थान से कोई भी कॉल सेंटर में शिकायत दर्ज करा सकता है और सरकार की योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकता है।
भोपाल स्थित इस कॉल सेंटर की क्षमता 45 सीटों की है। सेंटर रोजाना सुबह-सुबह 10 बजे से रात 11 बजे तक काम करता है। इस पर मध्य प्रदेश के किसी भी जिले से टोल फ्री नंबर 155343 एवं 1800-233-5343 पर किसी भी टेलीकॉम सेवा प्रदत्त कंपनी के नेटवर्क से नि:शुल्क फोन लगाया जा सकता है। वर्तमान में कॉल सेंटर के माध्यम से राज्य शासन के 20 विभाग व कार्यालय की 325 सेवाओं के संबंध में जानकारी देने तथा शिकायत दूर करने का कार्य किया जा रहा है।
शिकायत संबंधी कॉलों के प्रभावी निराकरण के लिए संबंधित विभाग मं 4 स्तर पर चिह्न्ति अधिकारियों को सक्षम अधिकारी बनाया गया है। प्रत्येक स्तर पर शिकायत निवारण के लिए समय-सीमा निर्धारित है। कॉल सेंटर के माध्यम से दर्ज की गई शिकायतों का पूरा विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध रहता है।
कॉल सेंटर परियोजना से जुड़े सभी विभागों से विभाग स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा गया है। विभागों को हिदायत दी गई है कि वे शिकायतों का निराकरण यथा संभव अपने ही स्तर पर कर लें। यदि शिकायत चौथे स्तर तक पहुंच भी गई हो तो उसको समय-सीमा के अंदर ही दूर कर दी जाए। कलेक्टरों से कहा गया है कि वे जिले में पदस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को सम्पूर्ण जिले का नोडल अधिकारी बनाएं।