भोपाल, सितम्बर 2015/ श्रम विभाग द्वारा श्रम कानून की प्रक्रियाओं को सरल करने के लिये गत डेढ़ वर्ष में विशेष प्रयास किये गये हैं। राज्य शासन की वॉलेन्टरी कम्प्लायंस स्कीम की केन्द्र और अन्य राज्यों द्वारा भी सराहना की गयी है। योजना में 16 श्रम कानून का सरलीकरण करते हुए 61 के स्थान पर मात्र 1 रजिस्टर रखने का प्रावधान किया गया है। साथ ही अब नियोजक को कार्यालयों में 13 रिटर्न के स्थान पर मात्र 2 वार्षिक रिटर्न ही दाखिल करने होते हैं।

वालेन्टरी कम्प्लायंस स्कीम का लाभ लगभग 10 लाख नियोजक को मिल रहा है। अक्टूबर, 2014 से प्रारंभ यह योजना प्रदेश के सभी कारखानों (अति-खतरनाक को छोड़कर) दुकानों एवं वाणिज्यिक स्थापनाओं पर लागू है। इसमें 13 केन्द्रीय और 3 राज्य के कुल 16 श्रम कानून में प्रक्रिया और प्रावधानों को सुविधाजनक बनाया गया है।

संस्थानों को बार-बार के निरीक्षणों से मुक्ति मिली है। पाँच वर्ष में संस्थान का अधिकतम एक बार ही निरीक्षण होगा। यह निरीक्षण भी पूर्व सूचना के बाद ही होगा। योजना में शामिल होने के इच्छुक नियोजक से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। नियोजक को संस्थान में कार्यरत श्रमिक संख्या 20 तक होने पर आवेदन-पत्र के साथ 5000 रुपये की सुरक्षा-निधि, 21 से 100 श्रमिक पर 10 हजार, 101 से 300 श्रमिक पर 25 हजार, 301 से 500 श्रमिक पर 40 हजार, 500 से अधिक श्रमिक पर 50 हजार रुपये की सुरक्षा-निधि, बैंक गारंटी या डी.डी. के रूप में श्रमायुक्त को देनी होती है। यह निधि हर वर्ष के लिये अलग-अलग न होकर सिर्फ एक बार ही जमा करवानी होती है और पाँच वर्ष बाद वापसी योग्य होती है।

योजना में आवेदन ऑन एवं ऑफलाइन दोनों तरह से किये जा सकते हैं। नियोजक के लिये योजना में किसी भी समय प्रवेश और किसी भी समय बाहर आना पूर्णत: स्वैच्छिक है। योजना में शामिल होने के लिये एकल नियोजक, प्रोप्रायटरशिप स्थापना, फर्म के नियोजक द्वारा स्वयं, पार्टनरशिप फर्म में कोई भागीदार अथवा प्रबंधक, कंपनी की स्थिति में कंपनी द्वारा अधिकृत निदेशक या प्रबंध संचालक, कारखाने की स्थिति में अधिभोगी या कारखाना प्रबंधक आवेदन-पत्र एवं घोषणा-पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं।

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