भोपाल, अक्टूबर 2013/ भारत निर्वाचन आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन/मतदान पत्र में “नोटा बटन’’ (नन ऑफ द एबव) उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये हैं। “नोटा बटन’’ उन मतदाताओं के लिये रहेगा जो चुनाव मैदान में उतरे किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहेंगे। मतदाताओं के लिये व्यवस्था रहेगी कि चुनाव में खड़े किसी भी उम्मीदवार को चुनना नहीं चाहते तो वे नोटा बटन को दबाकर इस विकल्प का गोपनीयता के साथ उपयोग कर सकेंगे।
आयोग ने अपने निर्देश में डाक-मतपत्रों एवं ईवीएम के बैलेटिंग यूनिट पर चस्पा किये जाने वाले मतपत्रों में उम्मीदवारों की सूची में सबसे नीचे “नन ऑफ द एबव’’ शब्द अंकित करने के निर्देश दिये हैं। यह शब्द उसी भाषा में लिखे जायेंगे जिसमें उम्मीदवारों के नाम लिखे हों। पैनल का आकार भी उम्मीदवारों के पैनल के आकार के बराबर होगा। जैसे यदि चुनाव मैदान में 12 उम्मीदवार हैं तो 13वें पैनल का प्रावधान किया जायेगा। इसमें “नन ऑफ द एबव’’ शब्द अंकित होगा। 13वें पैनल के सामने बैलेट बटन को जोड़ा जायेगा। यदि चुनाव मैदान में 16 उम्मीदवार हुए तो पहले बैलेटिंग यूनिट (बीयू) के अतिरिक्त एक और बीयू रखा जायेगा, जिसमें नोटा पैनल केवल अंतिम उम्मीदवार के नाम के नीचे होगा।
मतगणना परिणाम में नोटा के विकल्प को ध्यान में रखते हुए यह प्रावधान भी किया जायेगा कि “नन ऑफ एबव’’ के अंतर्गत कितने मत पड़े। अंतिम उम्मीदवार को प्राप्त मतों के पश्चात इसे दर्शाना होगा। अंतिम मतगणना परिणाम सीट और रिटर्न ऑफ इलेक्शन में भी नोटा के अंतर्गत प्राप्त मतों की संख्या को दर्शाया जायेगा। 49-ओ के अंतर्गत दिया गया विकल्प अब उपलब्ध नहीं होगा। इस बात की जानकारी आयोग ने समस्त पीठासीन अधिकारियों एवं मतदान अधिकारियों को प्रशिक्षण के दौरान स्पष्ट रूप से देने को कहा है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नोटा का प्रभाव वही होगा जो पहले के नियम 49-ओ के अंतर्गत किसी भी उम्मीदवार के लिये मतदान नहीं करने को लेकर था। आयोग के अनुसार नोटा के अंतर्गत प्राप्त मतों की संख्या सभी उम्मीदवारों को प्राप्त मतों की संख्या से अधिक हो तो भी उसी उम्मीदवार को विजयी घोषित किया जायेगा जिसे चुनाव मैदान में उतरे सभी उम्मीदवारों से अधिक वोट प्राप्त हुए हों।
आयोग ने उक्त निर्देशों को तत्काल प्रभाव से सभी राज्यों, संघ शासित प्रदेशों के सभी विधानसभा एवं लोकसभा क्षेत्र के मतदान अधिकारियों, रिटर्निंग ऑफिसर, सहायक रिटर्निंग ऑफिसर तथा पीठासीन अधिकारियों को भेजने को कहा है। साथ ही यह व्यवस्था सभी राजनैतिक दलों जिनमें मान्यता प्राप्त दलों की राज्य इकाइयाँ भी शामिल हैं, की जानकारी में लाने के निर्देश भी दिये हैं।