भोपाल, जनवरी 2013/ नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष कन्हैया लाल अग्रवाल ने कहा है कि नर्मदा क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना को वर्ष 2013 में पूरा करने के लिये प्राधिकरण मुस्तैद है। श्री अग्रवाल ने बताया कि पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 29 नवम्बर 2012 को इन्दौर जिले के ग्राम उज्जैनी में परियोजना के भूमि-पूजन के बाद मैदानी स्तर पर कार्य आरम्भ कर दिया गया है। वरिष्ठ इंजीनियरों की देखरेख में योजना के निर्माण कार्य पर सतत् निगरानी रखी जा रही है।

मालवा अंचल के लिये वरदान बनने वाली इस परियोजना में नर्मदा पर निर्मित ओंकारेश्वर सिंचाई परियोजना के चौथे चरण के सिसलिया टैंक से पाँच क्यूमेक जल उद्वहन कर ग्राम उज्जैनी के निकट क्षिप्रा नदी के उद्गम स्थल पर प्रवाहित किया जायेगा। क्षिप्रा में प्रवाहित इस जल से उज्जैन, देवास नगर सहित अंचल के 70 कस्बों और 3000 गाँवों को पीने का पानी मिलने लगेगा। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में औद्योगिक जल आवश्यकता की पूर्ति भी होगी।

श्री अग्रवाल ने बताया कि इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण लाभ वर्ष 2016 में होने वाले विश्व प्रसिद्ध सिंहस्थ पर्व में के दौरान भी मिलेगा। इस पर्व में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं और साधु संतों को पेयजल और पवित्र स्नान अवसरों पर नर्मदा का जल उपलब्ध होगा। प्राधिकरण अध्यक्ष ने कहा कि लगभग दो दशक से भी अधिक समय तक अनिर्णय की स्थिति में रही नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना को बनाने के लिये प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जिस इच्छा-शक्ति से इसे एक वर्ष की अवधि में पूरा करने का निर्णय लिया है। इससे पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो के विचार को मूर्त्तरूप देने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य बन जायेगा।

श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप नर्मदा-मालवा लिंक प्लान के अंतर्गत नर्मदा-पार्वती, नर्मदा-कालीसिंध और नर्मदा-गम्भीर नदियों को जोड़ने की परियोजनाओं के डी.पी.आर भी तैयार किए जायेंगें।

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