भोपाल, नवम्बर 2014/ मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने देश के इंजीनियरों के प्रेरणा-स्त्रोत भारत रत्न डा. मोक्ष गुण्डम विश्वैसरैया का पुण्य-स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने सीमित साधनों से उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त की। बड़े- बड़े पुल और बाँधों का निर्माण अपने अदभुत तकनीकी कौशल से कर देश के विकास को गति दी। युवा इंजीनियर्स डॉ. विश्वैसरैया के जीवन से प्रेरणा लेकर देश के विकास में अपना योगदान दें। मुख्य सचिव रीवा में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह का समापन कर रहे थे।

श्री डिसा ने कहा कि स्वर्ण जयंती समारोह हर्ष मनाने के अवसर के साथ ही चिंतन और मनन का भी अवसर है। प्रतिस्पर्धी अर्थ-व्यवस्था में यदि हम लगातार आगे नहीं बढ़े तो पिछड़ जायेंगे। प्राचार्य, प्रोफेसर सहित कालेज प्रबंधन यह तय करें कि कालेज में शिक्षा का उत्तम वातावरण निर्मित हो। छात्र पढ़े- सीखें और व्यवहारिक ज्ञान भी प्राप्त करें। एल्यूमिनाय एसोसिएशन वर्तमान और पूर्व छात्रों के बीच सेतु का कार्य करें।

मुख्य सचिव ने कॉलेज परिसर में भारत रत्न डा. विश्वेसरैय्या की प्रतिमा और उनकी स्मृति में ग्यारह लाख की लागत से निर्मित वाटिका का लोकार्पण और रिका का विमोचन भी किया।

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