भोपाल, सितम्बर 2015/ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) में मध्यप्रदेश में भी सामुदायिक संस्थाओं से लेकर संकुल तथा विकास खंड और जिला स्तर से राज्य स्तर तक जीएसी (Governance and Accountability) व्यवस्था लागू की जा रही है। इससे समस्त प्रक्रियाओं का क्रियान्वयन निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप होगा और मिशन में समस्त स्तरों पर जवाबदेही तय की जा सकेगी। व्यवस्था के संबध में 22 और 23 सितंबर को भोपाल स्थित क्षेत्रीय ग्रामीण विकास प्रशिक्षण केन्द्र पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय बैठक होगी। बैठक में धार, झाबुआ, बड़वानी, अलिराजपुर, डिण्डौरी, शहडोल, श्योपुर, मंड़ला, अनूपपुर, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, गुना, शिवपुरी, नरसिंहपुर, रीवा, सीधी, सिंगरौली, छतरपुर, दमोह, पन्ना, सागर, और टीकमगढ़ तथा आगर जिले के जिला परियोजना प्रबंधक शामिल होंगे।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन श्री एल.एम. बेलवाल ने बताया कि मिशन में इस बात को बढ़ावा दिया जा रहा है कि समुदाय द्वारा संसाधनों के उपयोग और निर्णय में व्यापक भागीदारी निभाई जाये। इससे स्थानीय संस्थायें अधिक सहभागी, जवाबदेह और जिम्मेदार हो सकेंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और अतिगरीब परिवारों को विभिन्न निधियों के माध्यम से वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। मिशन में उन्हें लोक सेवायें बेहतर तरीके से देने पर ध्यान दिया जायेगा । इस व्यवस्था से गरीब और अतिगरीब परिवारों को मिलने वाली आजीविका को सशक्त करने के लिये और अधिक अवसर उपलब्ध करवाये जा सकेंगे।
एनआरएलएम में प्रक्रियाओं के बेहतर क्रियान्वयन और जवाबदेही निर्धारण के लिये विभिन्न सेवाओं के मापदंड निर्धारित किये जा रहे हैं। साथ ही समस्याओं के निराकरण की स्थायी प्रणाली कायम की जायेगी। मिशन में मूल्यांकन तथा अनुश्रवण के साथ ही पारदर्शिता सुनिश्चित की जायेगी। मिशन में तैनात अमले को बेहतर कार्य प्रदर्शन के लिये प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदर्शन प्रबंधन प्रणाली भी लागू की जायेगी।