भोपाल, जनवरी 2013/ राज्य शासन ने सभी जिला कलेक्टर को महिला-बाल विकास अधिकारियों से एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं की सतत निगरानी एवं नियमित पर्यवेक्षण करवाने संबंधी नये निर्देश दिये हैं। संभागीय संयुक्त संचालक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षक को पर्यवेक्षण संबंधी दायित्व दिया गया है।

विभागीय-संभागीय संयुक्त संचालकों को माह में कम से कम आठ दिन जिलों का भ्रमण करने को कहा गया है। माह में एक जिला कार्यालय का निरीक्षण एवं पर्यवेक्षकों की बैठक लेने तथा संभाग के कम से कम 8 आँगनवाड़ी केन्द्र का भ्रमण कर जिला कलेक्टर से भेंट के निर्देश दिये गये हैं। साल में सभी जिला कार्यालयों, संभाग के सभी आँगनवाड़ी ट्रेनिंग सेन्टर, शासकीय एवं अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थाओं का निरीक्षण करने को कहा गया है। कुपोषित बच्चों के प्रबंधन के लिए जिला-स्तरीय रणनीति का क्रियान्वयन भी सुनिश्चित रूप से करवाने को कहा गया है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी माह में आठ दिन तथा प्रति मंगलवार और शुक्रवार को अनिवार्यतः भ्रमण करेंगे। वे माह में कम से कम एक परियोजना कार्यालय तथा पोषण-आहार के गोदाम का भी निरीक्षण करेंगे। पोषण पुनर्वास केन्द्रों का दौरा कर डिस्चार्ज किये गये बच्चों की सूची प्राप्त कर उनका फॉलोअप सुनिश्चित करवायेंगे।

बाल-विकास परियोजना अधिकारी माह में कम से कम बारह दिन परियोजना का भ्रमण कर शेष कार्य-दिवस में कार्यालय में उपस्थित रहकर अपना दायित्व निभायेंगे। मंगलवार और शुक्रवार को रोस्टर के अनुसार ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण की समझाईश देंगे। वे पर्यवेक्षकों को सौंपे गये दायित्वों की मॉनीटरिंग भी करवायेंगे। साथ ही अति कम वजन वाले बच्चों के परिवारों से गृह-भेंट के दौरान स्वास्थ्य एवं पोषण की सलाह देंगे।

पर्यवेक्षक माह में कम से कम बारह दिन तथा मंगलवार एवं शुक्रवार को अनिवार्यतः भ्रमण करेंगे। दो माह में सेक्टर के सभी आँगनवाड़ी केन्द्र का कम से कम एक बार भ्रमण करेंगे। इस दौरान वे आँगनवाड़ी केन्द्रों के समय पर खुलने और बंद होने तथा बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करवायेंगे। साथ ही केन्द्र के रिकार्ड, बच्चों का वजन तथा ग्रोथ चार्ट का संधारण भी करवायेंगे। गृह भेंट के दौरान स्वास्थ्य एवं पोषण की समझाईश, एनआरसी से डिस्चार्ज हुए बच्चों का फॉलोअप तथा कुपोषित बच्चों के प्रबंधन के लिए जिला-स्तरीय रणनीति का क्रियान्वयन करवायेंगे।

अधिकारियों को भ्रमण का कार्यक्रम बनाते समय ऐसे आँगनवाड़ी केन्द्रों का चयन करने को कहा गया है, जहाँ सूचकांक कमजोर हो तथा आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन की अधिक आवश्यकता हो। आँगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन में समस्या होने पर पर्यवेक्षक इसकी लिखित जानकारी परियोजना अधिकारी को देंगे जो यथाशीघ्र उसका निराकरण करेंगे। समस्या उच्च-स्तर की होने पर तीन दिन के भीतर उससे जिला कार्यक्रम अधिकारी को अवगत करवायेंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी कलेक्टर की सहायता से अथवा संभागीय संयुक्त संचालक के माध्यम से समस्या का निराकरण करवायेंगे।

आँगनवाड़ी केन्द्र के अनियमित एवं अव्यवस्थित संचालन की शिकायत मिलने पर सीधे सेक्टर पर्यवेक्षक को उत्तरदायी माना जायेगा। शिकायत प्राप्त होने पर बाल विकास परियोजना अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी। इसी प्रकार बाल विकास परियोजना अधिकारी के विरुद्ध शिकायत प्राप्त होने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी के विरुद्ध शिकायत प्राप्त होने पर संभागीय संयुक्त संचालक उत्तरदायी रहेंगे। वे अधीनस्थ अधिकारियों पर नियंत्रण न रख पाने पर विभागीय कार्यवाही के पात्र भी होंगे। पर्यवेक्षकों को छोड़कर शेष अधिकारी भ्रमण का विवरण विभागीय वेबसाइट www.mpwcdmis.org  में माह की 10 तारीख तक दर्ज करवायेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here