भोपाल, अगस्‍त 2013/ अति-वृष्टि और वर्षा से प्रदेश में 52 हजार 458 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल क्षति का अनुमान है। सीहोर जिले में 18 हजार 800 हेक्टेयर, रायसेन में 11 हजार 600 हेक्टेयर, अशोकनगर 6792, होशंगाबाद 4876, राजगढ़ 3808, श्योपुर 2,949, शिवपुरी 1400, नरसिंहपुर 1000, सिवनी 955 और रतलाम जिले में 10 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल क्षति का अनुमान है। वर्षा से सिवनी जिले में 6 कुएँ, उज्जैन में 2 कुएँ और छिन्दवाड़ा जिले में 68 कुएँ नष्ट हुए हैं। जबलपुर जिले में 838 और अशोकनगर में 50 मुर्गियाँ भी मरी हैं। वर्षा से 517 पशु-हानि हुई है, जिसमें 145 जबलपुर जिले में, 95 छिन्दवाड़ा, 61 रतलाम, 45 सागर, 43 रायसेन, 21 अशोकनगर, राजगढ़, श्योपुर और शिवपुरी 13-13, विदिशा 9, होशंगाबाद और छतरपुर 8-8, कटनी 6, नरसिंहपुर 4, खरगोन, सिवनी 2-2 और बालाघाट जिले में एक पशु-हानि शामिल है।

प्रदेश में अब तक 1198.4 मिलीलीटर वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य औसत वर्षा 749.2 मिलीमीटर से 60 प्रतिशत अधिक है। पूर्वी मध्यप्रदेश की अपेक्षा आज पश्चिमी मध्यप्रदेश में वर्षा से राहत रही। पश्चिमी मध्यप्रदेश के कुछ ही जिलों में आज मात्र 1.3 सामान्य औसत वर्षा दर्ज की गई। इसके विपरीत पूर्वी मध्यप्रदेश के लगभग सभी जिलों में सामान्य औसत वर्षा से 17 प्रतिशत अधिक 13.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। वैसे फिलहाल पूर्वी मध्यप्रदेश में सामान्य औसत वर्षा से 49 प्रतिशत और पश्चिमी मध्यप्रदेश में 70 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज है।

नर्मदा नदी में भरपूर पानी के कारण ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर और बरगी बाँध के गेटों के खुलने का सिलसिला जारी है। ओंकारेश्वर बाँध के 5 गेट से 74 हजार 701 क्यूसेक, इंदिरा सागर बाँध के 12 गेट से 7883 क्यूसेक और बरगी बाँध के 13 गेट से 78 हजार 187 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

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