भोपाल, अगस्‍त 2013/ प्रदेश में वृद्धाश्रमों की संचालन व्यवस्था को प्रभावी और बेहतर बनाने के मक़सद से सामाजिक न्याय विभाग द्वारा राज्य-स्तरीय कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों में संचालित 58 शासकीय अनुदान प्राप्त वृद्धाश्रम संचालकों ने भी भागीदारी की। मध्यप्रदेश राज्य वरिष्ठ नागरिक कल्याण आयोग के अध्यक्ष व्ही.जी. धर्माधिकारी की अध्यक्षता में इस कार्यशाला में वृद्धाश्रमों में रह रहे वरिष्ठ नागरिकों के समग्र कल्याण तथा वृद्धाश्रम संचालन व्यवस्था के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये। इस अवसर पर वृद्धाश्रम संचालन के लिये मुहैया कराई जा रही नि:शुल्क सुविधाओं के बारे में भी विस्तार से बताया गया। हेल्प ऐज इण्डिया की मदद से इन सभी वृद्धाश्रम की संचालन व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में सतत प्रयास हो रहे हैं।

कार्यशाला के प्रथम सत्र में प्रतिभागियों ने बैंकों में वरिष्ठजन के लिये पृथक लाइन की व्यवस्था किये जाने, वरिष्ठजनों के परिवार के सदस्यों से चर्चा के लिये जिला-स्तर पर काउंसलिंग समिति का गठन करने, वृद्धाश्रमों में रह रहे वरिष्ठ नागरिकों की गंभीर बीमारी की स्थिति में विशेषज्ञ चिकित्सकों की परामर्श सेवाओं और केयरटेकर की उपलब्धता के बारे में सुझाव दिये गये। श्री धर्माधिकारी ने राज्य के हर जिले में 150 क्षमता वाले वृद्धाश्रम राज्य सरकार द्वारा स्थापित किये जायेंगे। हेल्प एज इण्डिया के सहयोग से संभाग स्तर पर वरिष्ठजन की देख-रेख के लिये केयर गिवर (देखभाल कार्यकर्त्ता) प्रशिक्षण की शुरूआत की जा रही है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन विभाग की प्रोफेसर आशा शुक्ला ने जानकारी दी कि वृद्धाश्रमों के व्यवस्थापन विषय पर प्रशिक्षण के लिये 3 माह की अवधि का एक सर्टिफिकेट कोर्स विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया है।

बिल्डर्स के सहयोग से बनेंगे आधुनिक ओल्ड एज होम

कार्यशाला का दूसरा सत्र अपर मुख्य सचिव सामाजिक न्याय श्रीमती अरुणा शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। उन्होंने राजधानी भोपाल स्थित प्रमुख भवन निर्माताओं से आधुनिक ओल्ड ऐज होम बनाये जाने के प्रस्ताव पर चर्चा की। बताया कि आगामी 5 वर्ष में देश की जनसंख्या का 25 प्रतिशत वरिष्ठजन होंगे। औसत आयु भी बढ़कर 75 वर्ष हो गई है। हेल्प ऐज इण्डिया द्वारा वित्तीय दृष्टि से सक्षम वरिष्ठजन की जरूरतों को देखते हुए 700 वर्गफीट आकार के विशिष्ट आवास की डिजाइन और गाइड लाइन्स तैयार की गई हैं।

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