भोपाल, दिसंबर 2012/ अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा ने महात्मा गांधी नरेगा के क्रियान्वयन में वित्तीय अनियमितता के लिए उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारियों को बाहर करने के निर्देश दिये हैं। उन्होने संभागायुक्तों, कलेक्टर, जिला कार्यक्रम समन्वयकों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को वित्तीय प्रबंधन के अंतर्गत त्रुटियों, शिकायतों, अनियमितताओं आदि के निराकरण के संबंध में विस्तृत निर्देश दिए हैं। मनरेगा आयुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने भी कहा है कि वित्तीय प्रबंधन की नियमित समीक्षा की जाना आवश्यक है।
अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा ने जिलों को निर्देशित किया है कि जिले एवं जनपद पंचायत में संविदा पर पदस्थ किसी भी स्तर के अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध यदि गंभीर वित्तीय अनियमितता का आरोप प्रथमदृष्ट्या सही पाया जाता है तो सक्षम अधिकारी द्वारा तत्काल उसे सेवा हटाया जाये। गंभीर वित्तीय अनियमितता के लिए प्रथम दृष्ट्या उत्तरदायी पाये गये ऐसे अधिकारी/कर्मचारी जिनके विरूद्ध जिला, संभाग या राज्य स्तर पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के प्रकरण प्रचलित हैं, को उनके मूल विभाग में तत्काल वापस भेजा जाये। श्रीमती शर्मा ने कहा है कि मनरेगा के क्रियान्वयन में स्वच्छ छवि के अधिकारी/कर्मचारियों की ही सहभागिता सुनिश्चित की जाये।
योजना में वित्तीय प्रबंधन में त्रुटियों, शिकायतों, अनियमितताओं के निराकरण के लिये जिलों को प्रेषित विस्तृत कार्ययोजना पर आधारित नियमित समीक्षा के संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। नियमित समीक्षा से बेहतर वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित हो सकेगा। साथ ही योजना का लाभ अधिक से अधिक जरूरतमंदों तक पहुँचाया जा सकेगा।