भोपाल, जनवरी 2013/ स्वामी विवेकानंद की 150वीं जंयती समारोह आयोजन की श्रृंखला में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहाँ स्वामी विवेकानंद सार्ध शती समारोह समिति द्वारा आयोजित भव्य शोभा यात्रा का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में युवाओं का आव्हान किया कि वे नये भारत का निर्माण करने के लिये स्वामी विवेकानंद के आदर्शों का अनुकरण करें। स्वामी विवेकानंद के विचारों को उध्द्त करते हुए कहा कि सकारात्मक सोच और कार्यों से ही समाज का विकास और कल्याण संभव है। स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी प्रासंगिक है और न केवल व्यक्ति बल्कि राष्ट्र का उत्थान करने वाले हैं। स्वामी विवेकानंद संकीर्णता से परे थे। उन्होंने विश्व बंधुत्व का मार्ग बताया। वे कहते थे कि सभी पंथ ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग हैं। स्वामी जी कहते थे कि विकास और प्रगति के लिये शारीरिक सामर्थ्य भी आवश्यक है। राज्य शासन ने सूर्य नमस्कार के आयोजन की पहल युवाओं में शारीरिक सौष्ठव के प्रति चेतना जागृत करने के लिये की है।

मुख्यमंत्री द्वारा श्रद्धांजलि

श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वामी विवेकानंद जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वामी विवेकानंद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे युवाओं के लिये प्रेरणा है। उनके संदेश आज भी प्रासंगिक है। उनके बताये रास्ते पर चलकर हम एक नया देश-प्रदेश और दुनिया बना सकते हैं। आज पूरा विश्व उनकी 150 वीं वर्षगांठ उत्साह से मना रहा है। नए भारत के निर्माण का काम कर्मठ, चरित्रवान, ईमानदार, देशभक्त और परिश्रमी नौजवान करेंगे। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि मनुष्य में अनंत संभावनाएं हैं और उसके लिये दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है।

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