भोपाल, अक्टूबर 2013/ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने धान उत्पादक किसानों के हित में राज्य के बाहर मिलिंग होने एवं धान के विक्रय पर पाँच प्रतिशत क्रय कर वापस लेने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट करवाया गया था। किसानों की इस समस्या का समाधान करते हुए इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है
प्रदेश में धान का रिकार्ड उत्पादन होने विशेषकर बासमती धान की लोकप्रियता तथा अधिक उत्पादन होने के तथ्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस वर्ष भी प्रदेश में धान की अच्छी फसल की संभावना है। प्रदेश में पर्याप्त मिलिंग सुविधा न होने से प्रदेश के बाहर मिलिंग होने वाले धान पर क्रय कर का भार किसानों को वहन करना पड़ता। प्रदेश के बाहर की चावल मिलों द्वारा प्रदेश से खरीदे जाने वाले धान पर पाँच प्रतिशत की दर से शुल्क लिया जाता था। मुख्यमंत्री द्वारा धान उत्पादक किसानों के कल्याण के लिए धान पर क्रय कर के अधिरोपण पर पुनर्विचार करते हुए इसे वापस लिए जाने के निर्देश दिए गए। सरकार के इस कदम से धान उत्पादक किसानों को प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश का क्रियान्वयन करते हुए मुख्य सचिव अंटोनी जे.सी. डि सा ने तत्काल बैठक ली और किसानों के हित में आवश्यक अधिसूचना को अंतिम रूप देकर वाणिज्यिक कर विभाग की ओर से इस संबंध में अधिसूचना का प्रकाशन कर दिया गया।