यह एक सामान्य गणित है जिसका गीता के श्लोकोंं की संख्या से कोई लेना देना नहीं है। अंतिम दो अंक 16 हैं इसलिए यह 2016 में सही परिणाम देगा परंतु 2017 में आपकी आयु एक वर्ष कम कर देगा।
सन् 1900 को बेस मानकर ये कैल्कुलशन किया गया है। आज हम उससे 116 साल आगे हैं यानी 2016. इसलिए श्लोको की संख्या 116 मानी गयी है जो की वास्तव में नहीं है। जिसमें से जन्म का साल घटाएंगे तो स्वाभाविक रूप से उम्र पता चलेगी।
अगले साल हमें ये संख्या 117 माननी होगी तभी सही उम्र पता चलेगी।
इसका गीता से कोई संबंध नहीं है। यह सिर्फ 2016 में लागू हो सकता है क्योंकि उसमें अंतिम दो अंक 16 हैं। 2017 में यह आपकी उम्र एक साल कम बताएगा।
यह एक सामान्य गणित है जिसका गीता के श्लोकोंं की संख्या से कोई लेना देना नहीं है। अंतिम दो अंक 16 हैं इसलिए यह 2016 में सही परिणाम देगा परंतु 2017 में आपकी आयु एक वर्ष कम कर देगा।
सन् 1900 को बेस मानकर ये कैल्कुलशन किया गया है। आज हम उससे 116 साल आगे हैं यानी 2016. इसलिए श्लोको की संख्या 116 मानी गयी है जो की वास्तव में नहीं है। जिसमें से जन्म का साल घटाएंगे तो स्वाभाविक रूप से उम्र पता चलेगी।
अगले साल हमें ये संख्या 117 माननी होगी तभी सही उम्र पता चलेगी।