यार तुम मांस क्यों खाते हो ???? ” मेरे सवाल से वो थोडा झुंझलाते हुए बोला तुम भी न भाई जी, तुम तो ये चाहते हो कि जैसे तुम शाकाहारी हो वैसे ही सब बन जाएं ” उसने मुसकुरा कर जवाब दिया और दुकानदार से मांस खरीदने में व्यस्त हो गया!! नहीं यार कोई न कोई मज़बूरी तो होगी तुम्हारी जो तुम इतने स्वादिष्ट फल और सब्जियों, दूध, मक्खन, पनीर को छोड़ कर खून से लथपथ इस बकरे के मांस को खाने में ज्यादा दिलचस्पी रखते हो !! मेरी बात सुन कर अब उसे थोड़ा गुस्सा आ गया, थोड़ा संभल कर बोला “भैया जी क्या तुम्हें पता है कि मनुष्य मांसाहारी भी बनाया है ऊपर वाले ने” मैंने उत्सुकतावश पूछा ये आपको कैसे पता??? “अरे यार तुम तो विज्ञान वर्ग के हो और इतना भी नहीं जानते की ऊपर वाले ने हमें कैनाइन दांत क्यों दिए हैं, कैनाइन दांत मांसाहारी जानवर जैसे शेर, बिल्ली कुत्ते में पाये जाते हैं और इसी तरह वो मनुष्य में भी पाये जाते हैं, तो हम हुए ना मांसाहारी, “मैंने कहा पर उनके कैनाइन दांत तो बहुत बड़े होते हैं और हमारे बहुत छोटे, तो हो सकता है की वो गन्ने छीलने, सेब खाने या फिर रोटी खाने के लिए भी तो बने हों! “अरे यार जो नुकीले दांत होते हैं वो चीरने फाड़ने के लिए ही बनाये हैं ऊपर वाले ने” !! पर यार हाथी के दांत तो बहुत नुकीले होते हैं और बड़े भी काफी होते हैं और बाहर भी निकले होते हैं तो क्या वो किसी में घुसेड़ने के लिए बनाए हैं, क्योंकि मैंने तो हाथी को ज्यादातर शाकाहारी ही देखा है??? अब वो बुरी तरह चिड़चिड़ा चुका था मेरे सवालों से। उसने मेरी तरफ सवाल उछाला,, “अच्छा तुम ये बताओ कि बिल्ली चूहे को क्यों खाती है” मैंने उस सवाल का जवाब सवाल से दिया, क्या तुम बिल्ली हो?? “यार भाई जी, बताओ तो चूहे को क्यों खाती है बिल्ली” मैंने कहा उसके पास कोई विकल्प नहीं होता, और जब भी उसको विकल्प मिलता है जैसे दूध, दही तो फिर वो उससे अपना पेट भर लेती है और चूहा नहीं खाती। उसने मेरी बात को बीच में ही काटते हुए कहा “नहीं ये उसका भोजन है इसलिए वो चूहे को खाती हे” !! मैंने कहा अगर आप बिल्ली को फॉलो करते हो तो क्या आपको पता है कि बिल्ली भूख लगने पर अपने बच्चों को भी खा जाती है!! क्या आपको पता है कि शेर जब दूसरे दल की शेरनी को अपने कब्जे में लेता है तो सबसे पहले उस शेरनी के पहले वाले शेर से हुए बच्चों को खत्म करता है??? तुम अपनी तुलना उन जानवरों से करते हो जिनके पास दिमाग सिर्फ भोजन और जीने के तरीकों को सोचने के लिए दिया गया है! जानवर के लिए भोजन सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है इसलिए वो भोजन कहां से आ रहा है उस पर नहीं सोचते। लेकिन हम इंसानों को ऊपर वाले ने संरक्षक बनाया है, दूसरे जीव जन्तुओ का, पर हम भक्षक बन गए हैं!! क्या तुम्हें पता है कि गोरैया जैसी घरेलू चिड़िया अपना घोंसला वहीं क्यों बनाती है जहां इंसान रहता है??? उसने न के इशारे में अपनी अनभिज्ञता जाहिर की और मुझसे पूछा ” नहीं भाई, तुम्हीं बताओ वह ऐसा क्यों करती है। “मैंने कहा दोस्त वो ऐसा इसलिए करती है क्योंकि उसे लगता है कि मनुष्य उसे उन मांसाहारी जानवरों से बचाएगा जिनका खतरा उसके बच्चों पर रहता है और मनुष्य के बच्चे जो खाने पीने की वस्तुए फैलाएंगे उससे उसके भोजन की जरूरत पूरी हो जायेगी !!
अब वो मुझसे संतुष्ट नजर आ रहा था, तभी दुकानदार बोला “भाई साहब आपका मीट पैक कर दिया मैंने”!! पर उसने दुकान दार की बातों को मानो अनसुना कर दिया था, अब उसका मन बदल चुका था, अब वो दालमखनी खाने के मूड में आ चुका था, “चलो भाई आज इसी बात पर भगवती ढाबा चलते हैं” !! उसने उस दिन मीट नहीं खाया, और उम्मीद करता हूं कि वो आज भी शाकाहारी ही होगा!! क्या आप भी मांसाहार करते हैं, क्या आप भी संरक्षक की जगह भक्षक बन चुके हैं, तो एक बार जरूर विचार कीजिए, आपके पास भूख मिटाने के बहुत विकल्प हैं, पर उन मासूमों के पास अपनी जान का कोई और विकल्प नहीं !!!
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