भोपाल। फिल्म पद्मावती को लेकर चल रहे राष्ट्रीय विवाद के बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अभूतपूर्व कदम उठाया है। फिल्म को सेंसर बोर्ड से अनुमति मिलने से पहले ही शिवराज ने ऐलान कर दिया है कि मध्यप्रदेश में यह फिल्म नहीं दिखाई जाएगी। शिवराज यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि भोपाल में महारानी पद्मावती का स्मारक बनाया जाएगा और उनके नाम पर ‘राष्ट्रमाता महारानी पद्मावती सम्मान’ दिया जाएगा।
राजपूत समाज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में शिवराज ने समाज की भावनाओं का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इतिहास से छेड़छाड़ कर बनाई गई फिल्म ‘पद्मावती’ मध्य प्रदेश में रिलीज़ नहीं होगी। महारानी पद्मावती का मध्य प्रदेश में स्मारक बनाया जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा ले सकें और उनके बलिदान को समझ सकें।
चौहान ने कहा कि इतिहास को जब स्मरण किया जाता है तो राजपूतों का शौर्य और बलिदान याद आता है। राजपूतों ने कभी समझौता नहीं किया और न ही कभी अपनी जान की परवाह की। भारतीय नारी का प्रतिबिम्ब कभी देखना है तो रानी पद्मावती में देखा जाना चाहिए। वे स्वाभिमान की रक्षा के लिए धधकते अग्निकुंड में कूद गई थीं। भारतीय नारी अपने सम्मान के लिए राख में तब्दील हो सकती है, ऐसा इतिहास किसी और देश में देखने को नहीं मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई कल्पना पर आधारित फिल्म बनाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन अगर ऐसे चरित्र पर फिल्म बनाये, जिसकी सारा देश पूजा करता है, जिसकी चिता की राख को अपने माथे पर लगाता है, तो विषयवस्तु से खिलवाड़ और इतिहास को गलत ढंग इतिहास प्रस्तुत किए जाने को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास से छेड़छाड़ और राष्ट्र के अपमान को मध्य प्रदेश कभी स्वीकार नहीं करेगा। मध्य प्रदेश सरकार अद्भुत वीरता का प्रदर्शन करने वाले को महाराण प्रताप वीरता पुरस्कार से और महिलाओं के लिए उल्लेखनीय कार्य करने पर महारानी पद्मावती पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।