रघुराम राजन की जगह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की कमान संभालने जा रहे उर्जित पटेल की खूबियों के बारे में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं लेकिन इसी बीच एक ऐसी बात सामने आई है जो पटेल और मोदी सरकार को आने वाले दिनों में अच्छा खासा परेशान कर सकती है। और वह बात यह है कि उर्जित पटेल रिजर्व बैंक की सेवा में आने से पहले मुकेश अंबानी की सेवा में रह चुके हैं।
बीबीसी ने उर्जित पटेल के सामने आने वाली समस्याओं को लेकर जो समाचार जारी किया है उसमें इस बात का उल्लेख है कि रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर नियुक्त होने से पहले उर्जित पटेल रिलायंस इंडस्ट्रीज़ में प्रेसिडेंट (बिज़नेस डेवलपमेंट) और आईडीएफ़सी में कार्यकारी निदेशक थे।
मोदी सरकार अपने गठन के बाद से ही इन आरोपों को झेलती आई है कि वह मुकेश अंबानी और अडाणी जैसे उद्योगपतियों के असर में है। ऐसे में भारत की आर्थिक व मौद्रिक नीति की नियामक संस्था रिजर्व बैंक के गर्वनर पद पर ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति होना जो रिलायंस इंडस्ट्रीज की सेवा में रह चुका हो मोदी सरकार को उलझन में डालेगा। आर्थिक सुधारों को लेकर सरकार के आलोचक रहे विपक्षी दल इस मामले को लेकर आने वाले दिनों में सरकार को कठघरे में खड़ा कर सकते हैं।
24वें गवर्नर के रूप में कार्यकाल संभालने वाले उर्जित पटेल 2013 में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर थे और जनवरी 2016 में उनके कार्यकाल को तीन साल के लिए बढ़ाया गया था।