मप्र के पूर्व डीजी ऋषि शुक्ला बने सीबीआई चीफ

मप्र के पूर्व डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का नया निदेशक बनाया गया है। शुक्ला भारतीय पुलिस सेवा की 1983 बैच के मध्‍यप्रदेश  कैडर के अधिकारी हैं। उन्हें 2 साल के लिए सीबीआई चीफ नियुक्त किया गया है। केंद्र के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक तीन सदस्‍यीय उच्‍चाधिकार प्राप्‍त समिति ने उनके नाम को हरी झंडी दे दी है।

हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऋषि कुमार शुक्‍ला को सीबीआई का नया डायरेक्‍टर बनाए जाने पर समिति के सदस्‍य और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है। खड़गे ने लिखा है कि शुक्‍ला के पास भ्रष्टाचार निरोधक जांच का ज्यादा अनुभव नहीं है।

सीबीआई के नए निदेशक की नियुक्ति में हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों नाराजी जाहिर की थी और उसके एक दिन बाद ही उच्‍च अधिकार प्राप्‍त समिति ने नए निदेशक के नाम को मंजूरी दे दी। इस समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के प्रधान न्‍यायाधीश शामिल रहते हैं।

शुक्ला को सीबीआई की कमान उस समय मिली है जब यह जांच एजेंसी विश्वसनीयता के संकट से जूझ रही है। उनके नेतृत्व में सीबीआई को कई अहम केस सुलझाने हैं इनमें 2जी घोटाला, कोयला घोटाला, एयर इंडिया स्कैंडल, पूर्व वित्‍त मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले समेत कई अहम मसले शामिल हैं

शुक्‍ला अभी मध्‍यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के अध्यक्ष हैं। हाल ही में उन्‍हें प्रदेश के पुलिस महानिदेशक पद से हटाकर वीके सिंह को नया डीजीपी बनाया गया था। मध्यप्रदेश के ग्वालियर निवासी शुक्‍ला के कॅरियर की शुरुआत रायपुर में सीएसपी स्‍तर के अधिकारी के रूप में हुई। उन्होंने मध्यप्रदेश के कई जिलों में अपनी सेवाएं दी हैं। वे 2009 से 2012 तक एडीजी इंटेलिजेंस भी रहे हैं। शिवराजसिंह के नेतृत्‍व वाली भाजपा सरकार ने उन्हें जून 2016 में प्रदेश का डीजीपी बनाया था।

सबसे चौंकाने वाली बात विधानसभा चुनाव के दौरान सामने आई थी, जब शुक्‍ला स्वास्थ्य कारणों से करीब डेढ़ महीने की छुट्टी पर चले गए थे। जिसके बाद चुनाव आयोग को उनकी जगह 1984 बैच के आईपीएस वीके सिंह को कार्यवाहक डीजीपी बनाना पड़ा था। विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही शुक्ला के डीजीपी पद से हटने की अटकलें लगने लगीं। पांच दिन पहले 29 जनवरी को कमलनाथ सरकार ने शुक्ला को डीजीपी पद से हटाकर पुलिस हाउसिंग बोर्ड का मुखिया बनाया था। शुक्‍ला को वैसे 2020 में रिटायर होना था लेकिन अब वे नियमानुसार दो साल तक सीबीआई निदेशक पद पर रह सकेंगे।

गौरतलब है कि पिछले काफी समय से सीबीआई में निदेशक पद को लेकर घमासान मचा हुआ था। निदेशक आलोक वर्मा और अतिरिक्‍त निदेशक राकेश अस्‍थाना के आपसी मतभेद खुलकर सामने आने से संस्‍था की साख को जबरदस्‍त झटका लगा था। बाद में सरकार ने वर्मा को पद से हटाते हुए उनका दूसरे विभाग में तबादला कर दिया था। इससे नाराज वर्मा ने इस्‍तीफा दे दिया था।

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