देश के दिग्गज राजनेताओं में शुमार पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पद से निवृत्त होने के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणव दा को काफी भावुक चिट्ठी लिखी थी। यह चिट्ठी भारतीय राजनीति के बदलते परिवेश में राजनीतिक रिश्तों की नई परिभाषा देती है। यह चिट्ठी खुद प्रणव मुखर्जी ने ट्विटर के जरिये लोगों से साझा की। हम अपने पाठकों के लिए वह चिट्ठी अविकल प्रकाशित कर रहे हैं।
प्रिय प्रणव दा,
अब जब आप अपनी जीवन यात्रा के विशिष्ट चरण में प्रवेश कर रहे हैं, मैं एक राजनेता और खासतौर से भारत के राष्ट्रपति के रूप में देश को दी गई आपकी सेवाओं के प्रति अतीव आदर और श्रद्धा भाव से भरा हुआ हूं। आपने अपनी सरलता,उच्च नैतिकता और विशिष्ट नेतृत्व क्षमता से हमें सदैव प्रभावित किया है।
मैं तीन साल पहले एक बाहरी के तौर पर नई दिल्ली आया था। मेरा काम बड़ा और चुनौतीपूर्ण था। इस दौरान आप मेरे लिए हमेशा पिता के समान और मार्गदर्शक रहे। आपकी बुद्धिमानी, मार्गदर्शन और स्नेह ने मुझे काफी विश्वास और शक्ति दी।
आप साक्षात ज्ञान की खान हैं, यह सर्वविदित है। मैं विभिन्न विषयों पर आपके ज्ञान और जानकारी का कायल रहा हूं। ये विषय नीति से लेकर राजनीति तक, अर्थनीति से लेकर विदेश नीति तक और सुरक्षा संबंधी मसलों से लेकर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय विषयों तक फैले हुए हैं। आपके इस बौद्धिक और ज्ञानकौशल ने हमेशा मेरी व मेरी सरकार की मदद की।
आप मेरे प्रति काफी स्नेही और मेरा ध्यान रखने वाले रहे हैं। यह पूछते हुए आपका एक फोन कॉल आना कि, मैं उम्मीद करता हूं कि आप अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख रहे होंगे, मुझे दिन भर चली बैठकों और प्रचार यात्रा के बाद नई ऊर्जा देने के लिए काफी था।
प्रणव दा, हमारी राजनीतिक यात्रा को अलग-अलग राजनीतिक दलों में गति मिली। हमारी विचारधाराएं अलग रहीं हैं। हमारे अनुभव भी अलग रहे हैं। मेरे प्रशासनिक अनुभव मेरे राज्य के हैं, जबकि आपने दशकों से हमारी राष्ट्रीय राज व्यवस्था और राजनीति को बढ़ते हुए देखा है। आपके विवेक और आपकी बुद्धिमानी की ही यह शक्ति है जो हम तालमेल के साथ मिलकर काम कर सके।
आपने अपनी राजनीतिक यात्रा और राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान हमेशा देश की भलाई को सबसे ऊपर रखा। आपने भारत के युवाओं के नवोन्मेष और प्रतिभा की पहचान संबंधी पहल करते हुए उसके लिए राष्ट्रपति भवन द्वार खोले।
आप नेताओं की उस पीढ़ी से ताल्लुक रखते हैं जिनके लिए राजनीति का मतलब बिना किसी स्वार्थ के समाज की सेवा करना है। आप भारत के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। भारत आपको हमेशा एक ऐसे राष्ट्रपति के रूप में याद रखेगा जो विनम्र लोकसेवक और दुर्लभ राजनेता था।
आपकी विरासत सदैव हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी। हम सभी लोग हर किसी को साथ लेकर चलने की आपकी लोकतांत्रिक दूरदृष्टि से ताकत लेते रहेंगे। यह दृष्टि आपने अपने लंबे राजनीतिक जीवन अनुभव से पाई है। आप जब अपने जीवन के नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं, मैं आपके मंगलमय भविष्य की कामना करता हूं।
मुझे अपना समर्थन देने, उत्साहवर्धन करने, मार्गदर्शन करने और मुझे प्रेरणा देने के लिए आपका पुन: आभार। आभार उन शब्दों और भावनाओं के लिए भी जो आपने संसद में अपने विदाई समारोह के दौरान मेरे संबंध में व्यक्त किए।
राष्ट्रपति जी, आपके प्रधानमंत्री के तौर पर, आपके साथ काम करना गर्व की बात रही।
सदैव आपका
नरेंद्र मोदी
—————–
प्रणव दा की बेटी ने दिया जवाब
नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व राष्ट्रपति को लिखी गई चिट्ठी पर मुखर्जी की बेटी,शर्मिष्ठा ने बहुत खूबसूरत प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट किया ”एक बेटी की ओर से आपको धन्यवाद श्रीमान नरेंद्र मोदी जी। मगर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की कार्यकर्ता के तौर पर, मैं आपकी सरकार की जन-विरोधी नीतियों की आलोचना करती रहूंगी। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है।”
——————
शर्मिष्ठा ने सच कहा- ये दोनों ही संदेश इस बदसूरत होते माहौल में भारतीय राजनीति की खूबसूरती को जताने वाले हैं।