मैं यह कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था कि सत्ता की लोलुपता भाजपा के नेताओं को इस क़दर नैतिक पतन की ओर ले जाएगी कि वे प्रदेश के नागरिकों के प्रजातंत्रीय निर्णय की ही सौदेबाजी करने लगेंगे। आज सचमुच भाजपा नेताओं के इस अशोभनीय आचरण ने मध्यप्रदेश के गौरवशाली इतिहास और वैभवशाली विरासत को कलंकित करने की कोशिश की है।
मैं हतप्रभ हूँ कि भाजपा को आखिर इस कदाचरण की प्रेरणा मिली कहाँ से है? क्या ये लोग उन माफ़ियाओं से प्रेरित हैं जिन्हें मैं जड़ से मिटा देना चाहता हूँ? क्या ये लोग उन मिलावटखोरों के प्रभाव में है जिनसे मैं प्रदेश को मुक्त करने का संकल्प ले चुका हूँ? क्या इन्होंने इस षड़यंत्र की कुचेष्टा उन रेत माफियाओं और वसूली माफियाओं के साथ मिलकर की है जिनके खिलाफ मैने लड़ाई का शंखनाद किया है और प्रदेश के राजस्व को पाँच गुना बढ़ा कर रेत माफियाओं की कमर तोड़ दी है?
आज प्रदेश भाजपा नेताओं ने न सिर्फ प्रदेश सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है, अपितु उन्होंने प्रदेश के विकास पर सीधा आक्रमण किया है। प्रदेश में धीरे-धीरे आ रहे निवेश और उसकी असीम संभावनाओं को आघात पहुँचाने की धृष्टता की है, किसानों की कर्ज माफी और उनके उज्ज्वल भविष्य पर वार किया है, युवाओं के रोजगार के सुनहरे अवसरों पर प्रहार किया है।
प्रदेश के नागरिकों के ‘इंदिरा गृह ज्योति योजना’ से सस्ती बिजली के साकार हो चुके सपने को ठेस पहुँचाने की कोशिश की है, क्योंकि किसी प्रदेश के विकास की अनिवार्य शर्त है उसकी राजनैतिक स्थिरता। मैं आश्वस्त हूँ, मेरे सभी विधायक साथी सरकार के साथ दृढ़ता से खड़े हैं, प्रदेश के विकास के प्रति प्रतिबद्ध और समर्पित हैं।
मैं आज एक बात भाजपा नेताओं को साफ कर देना चाहता हूँ कि मैने चालीस साल से ज्यादा के अपने सार्वजनिक जीवन में कभी भी नफरत, निराशा और नकारात्मकता को कोई स्थान नहीं दिया है। याद कीजिए जब मैं केंद्र में मंत्री था और प्रदेश में सरकार भाजपा की थी तब भी मैने पूरे मनोयोग से प्रदेश के विकास में अपना योगदान दिया है। एक क्षण भी मेरे मन में इस बात का खयाल नहीं आया कि प्रदेश में भाजपा सरकार है और मैं उसे अस्थिर करूँ। मेरे अंतरमन में हमेशा मध्यप्रदेश की तरक्की का भाव ही रहा है।
मैं भाजपा नेताओं से अनुरोध करता हूँ कि वे सत्ता की भूख का प्रदर्शन इस तरह न करें कि लोगों का प्रजातंत्र पर से भरोसा ही उठ जाए। मैं प्रार्थना करता हूँ कि हनुमान जी भाजपा को मर्यादा, संयम और चरित्रबल दें, ताकि हम सब पक्ष और प्रतिपक्ष मिलकर प्रदेश के विकास के स्वप्न को साकार कर सकें।
(7 मार्च को लिखा गया कमलनाथ का ब्लॉग)