मोदी के नए मंत्रियों में- कौन, कहां से और क्‍या…

5 जुलाई को हुए नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के विस्‍तार में शामिल किए गए 19 मंत्रियों का पूरा ब्‍योरा पढिए। कौन कहां से है और क्‍या है…

फगन सिंह कुलस्ते

राज्य मंत्री के तौर पर शपथ, मप्र के मंडला से सांसद हैं। वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे हैं। नोट के बदले वोट कांड में जेल जा चुके हैं।

अनिल माधव दवे

मध्यप्रदेश से राज्य सभा सांसद हैं, राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली।

एम जे अकबर

मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होना पत्रकार और लेखक एमजे अकबर के राजनैतिक करियर में उल्लेखनीय बदलाव है। वे 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से नजदीकी के चलते बतौर कांग्रेसी सांसद राजनीति में आए थे। हाल ही में मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए 65 वर्षीय अकबर भाजपा का स्पष्टवादी और आधुनिक मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं। उन्होंने बड़ी चतुराई से हिंदुत्व अतिवाद की आलोचनाओं को मोदी के विकास के एजेंडे के तले दबाया इसलिए बचाव के मौकों पर पार्टी उन पर भरोसा करती है। एमपी से राज्यसभा सांसद हैं और जाने माने पत्रकार हैं। उन्होंने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली है।

एस एस अहलूवालिया

पीवी नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में मंत्री से लेकर प्रमुख विधेयकों पर भाजपा के लिए ‘शोधकर्ता’ की जिम्मेदारी निभा चुके सुरेंद्रजीत सिंह आहलूवालिया के पार्टी लाइन से हटकर सभी दलों से संपर्क हैं और शब्दों को तौलकर बोलने के लिए पहचाना जाता है। पटना के इस राजनीतिज्ञ को किसी भी मुद्दे पर अपनी एक ठोस राय कायम करने के लिए जाना जाता है फिर भले उनकी राय पार्टी के रूख से अलग हो। राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली। पश्‍चिम बंगाल के दार्जिलिंग से भाजपा सांसद हैं। पहली बार लोकसभा सदस्य हैं, 1995 में मंत्री रह चुके हैं।

रमेश चंदप्पा

राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली। कर्नाटक के बीजापुर से भाजपा सांसद हैं। कनार्टक में भाजपा का दलित चेहरा माने जाते हैं। 5 बार से लोकसभा सांसद हैं।

डॉ सुभाष रामराव भामरे

महाराष्ट्र के धुले से पहली बार सांसद बने हैं। कैंसर रोग विशेषज्ञ हैं। राज्य मंत्री बनाए गए हैं।

विजय गोयल

केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में विजय गोयल का शामिल होना एक तरह से उनकी वापसी है क्योंकि दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद संजोए गोयल को राजस्थान से राज्यसभा में आना पड़ा। तीन बार लोकसभा सदस्य रहे गोयल पिछले दो विधानसभा चुनावों में दरकिनार किए जाने से पहले राष्ट्रीय राजधानी के कद्दावर नेता थे। वे अटल बिहारी वाजपेयी की पहली राजग सरकार में प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री थे। मीडिया में पैठ रखने वाले गोयल की पहचान एक कुशल नेता के बतौर होती है। राज्यमंत्री के रूप में 62 वर्षीय गोयल पहले भी युवा मामले और खेल तथा संसदीय मामलों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली। दिल्ली भाजपा का जाना माना चेहरा हैं और राजस्थान से राज्य सभा सांसद हैं।

राजेन गोहने

असम के नगांव से भाजपा सांसद हैं। वहां पर भाजपा को स्थापित करने का श्रेय इनको है। चार बार से सांसद हैं और पहली बार केंद्र में राज्य मंत्री बने हैं।

पुरूषोत्तम भाई रूपाला

गुजरात से राज्य सभा सांसद हैं। मोदी के करीबी माने जाते हैं और वहां के बड़े नेता हैं। राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली।

मनसुख मंडाविया

गुजरात से राज्यसभा के सांसद हैं। राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली है।

जसवंत सिंह भाभोर

गुजरात के दाहोद के सांसद हैं, आदिवासी समुदाय के नेता हैं। राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली है।

अजय टम्टा

उत्तराखंड के उल्मोड़ा से सांसद हैं, भाजपा का दलित चेहरा माने जाते हैं। मोदी सरकार में पहली बार उत्तराखंड से किसी को मंत्री पद मिला है। वह राज्य मंत्री बनाए गए हैं। वह 12वीं पास हैं।

कृष्णा राज

उप्र के शाहजहांपुर से भाजपा सांसद हैं। वह यूपी में भाजपा की दलित नेता हैं। राज्य मंत्री बनाया गया है।

महेंद्र नाथ पांडे

उप्र के चंदौली से सांसद हैं और वह राजनाथ सिंह के गृह जिले से आते हैं। पहली बार केंद्र में राज्य मंत्री बने हैं।

रामदास आठवले 

महाराष्ट्र से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राज्य सभा सांसद हैं। राजग के सहयोगी हैं। यह दलित चेहरा हैं। पहली बार केंद्र में राज्य मंत्री बने हैं।

अनुप्रिया सिंह पटेल

यूपी के मिर्जापुर से अपना दल की सांसद हैं और राजग की सहयोगी हैं। कुर्मी नेता सोनेलाल पटेल की बेटी हैं। राज्य मंत्री बनाई गई हैं।

सी आर चौधरी

राजस्थान के नागौर से पहली बार सांसद बने हैं। उनको राज्य मंत्री बनाया गया है।

पी पी चौधरी

राजस्थान के पाली से पहली बार सांसद बने हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं और संविधान के जानकार माने जाते हैं। राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली है।

अर्जुनराम मेघवाल

राजस्थान के बीकानेर से भाजपा सांसद हैं, राज्य में दलित चेहरा हैं, लगातार दो बार से सांसद हैं। राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली है। दिल्ली में ऑड ईवन लागू होने के समय साइकिल से संसद आते थे, जिससे लोकप्रिय हुए।

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