मुस्‍टंडों के घेरे में हुए, दिव्‍यंका के फेरे

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छोटे परदे की अदाकारा दिव्‍यंका त्रिपाठी की हाल ही में भोपाल में हुई शादी के दौरान मीडिया से हुए दुर्व्‍यवहार की खबरें खासी चर्चा में हैं। भोपाल के वरिष्‍ठ पत्रकार सोमदत्‍त शास्‍त्री ने इसी से जुड़ी कुछ बातें फेसबुक पर शेयर की हैं, मध्‍यमत डॉट कॉम के पाठकों के लिए हम वह टिप्‍पणी यहां शब्‍दश: प्रस्‍तुत कर रहे हैं-

प्रेस के साथ यह हरकत नहीं होनी चाहिए थी

सोमदत्‍त शास्‍त्री

ब्रजेश राजपूतजी इस समय भारतवर्ष के चर्चित युवा पत्रकार एवं पुस्तकों के रचियता हैं। वे अत्यंत संयत और संयमित पत्रकारिता करते हैं तथा मेरी दृष्टि में मप्र के विश्वसनीय मीडिया मेन है। मेरे दिब्यंका त्रिपाठी के फीके विवाह समारोह वाले पोस्ट पर उन्होंने एक चौकाने वाली जानकारी दी कि बाहर से बुलाये गए मुस्टंडे यानि बाउंसर्स पत्रकारों को सँभालने में पूरी ताकत लगा रहे थे’।

ब्रजेशजी के ही शब्दों में- ‘’बहुत निराश किया दिव्यंका और उसके परिजनों ने। ऐसा एहसास कराया जैसे ऐश्वर्या की अभिषेक से शादी हो। छोटे से घर में मीडिया को रोकने अनेक बाउंसर जो हमेशा लड़ने को तैयार। दिव्यंका ने भी मीडिया से अच्छा व्यवहार नहीं किया। मुंबई से कवरेज को आईं महिला पत्रकारों को तो वो पहचान ही नहीं रही थी। उसके क़िस्से सुन हम हैरान होते रहे, क्या इतनी बदल गयी दिव्यंका…।‘’

मीडिया के साथ उनके दुर्व्यवहार की बात ब्रजेश जी से सुनकर स्तब्ध हूँ। ब्रजेश जी इसका अर्थ तो यही निकलता है की भोपाल की यह साधारण सी लड़की सफलता के हिडोले में सवार होकर स्वयं को भूल चुकी है। मुझे 2008 से पहले के दिन बखूबी याद हैं जब मुख्य धारा की मैदानी पत्रकारिता के अश्वमेघ में मुझको भी आहुतियाँ देनी पड़ रही थी। तब ये कुनबा अक्सर प्रेसों के चक्कर लगाया करता था और काम की व्‍यस्‍तता के कारण हम न चाहते हुए भी उन्हें इंतजार कराने को विवश कर रहे होते थे,…. तब दिव्यंका ने कुछ स्थानीय टेलीविजन के लिए छोटा मोटा काम ही किया होगा। बहरहाल यह किस्सा मुझे भी हैरान करने वाला है कि यहाँ के पत्रकारों को तो वो पहचान ही नहीं रही थी। मुंबई के पत्रकारों के साथ भी यही बदसलूकी की जा रही थी जो बेचारे उतनी दूर से यहाँ कवरेज़ को पहुंचे थे। इस घटना से शायद मुंबई की मीडिया को सबक मिले। यह कहने में मुझे गुरेज नहीं कि इसके लिए हमारे दोस्तों की दरियादिली ही ज्यादा दोषी है।

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(यह टिप्‍पणी हमने भोपाल के वरिष्‍ठ पत्रकार/संपादक सोमदत्‍त शास्‍त्री की फेसबुक वॉल से ली है।)

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