कुल खाद्यान्न उत्पादन में भारत सरकार का प्रतिष्ठित कृषि कर्मण पुरस्कार तीसरी बार मध्यप्रदेश को मिला है। इस श्रेणी में तीन बार पुरस्कार प्राप्त करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। वर्ष 2014 के लिये कुल खाद्यन्न उत्पादन में मध्यप्रदेश को यह पुरस्कार मिला है।
इससे पहले 2011-12 और 2012-13 में भी प्रदेश यह पुरस्कार मिल चुका है। वर्ष 2013-14 में प्रदेश को यह पुरस्कार गेहूँ उत्पादन के क्षेत्र में मिला था। इस तरह लगातार चार वर्ष से यह पुरस्कार प्राप्त करने वाला मध्यप्रदेश भी देश का पहला राज्य है।
मध्यप्रदेश में वर्ष 2014-15 में 3 करोड़ 20 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ। वर्ष 2013-14 में यह 2 करोड़ 80 लाख मीट्रिक टन था। फलस्वरूप प्रदेश को मुख्य श्रेणी में इस बार भारत सरकार से चौथे वर्ष लगातार कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
गेहूँ उत्पादन में दूसरे स्थान पर
एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए मध्यप्रदेश अब गेहूँ के उत्पादन में पंजाब को पीछे छोड़कर देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। प्रदेश में वर्ष 2014-15 में 1 करोड़ 84 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उत्पादन हुआ जबकि पंजाब का गेहूँ उत्पादन 1 करोड़ 71 लाख मीट्रिक टन रहा।
कृषि विकास दर 20.11 हुई
प्रदेश की कृषि विकास दर वर्ष 2014-15 के अनुमानों के हिसाब से 20.11 प्रतिशत है। विगत चार वर्ष से प्रदेश की कृषि विकास दर औसतन 15 प्रतिशत रही है।