इंदौर/ महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय में गुरुवार को आयोजित प्रो. प्रमोद उपाध्याय स्मृति अंतरमहाविद्यालयीन भाषण प्रतियोगिता में शासकीय संस्कृत महाविद्यालय के मानस शर्मा ने प्रथम, इसी महाविद्यालय की दीक्षा चौहान ने द्वितीय और होलकर विज्ञान महाविद्यालय के पंकज ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया।
महारानी लक्ष्मीबाई कन्या महाविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक प्रमोद उपाध्याय का गत वर्ष 9 नवंबर को आकस्मिक निधन हो गया था। उन्हीं की प्रथम पुण्यतिथि पर हुए इस आयोजन में उनके अग्रज एवं उच्च शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. प्रकाश उपाध्याय, चर्चित लघु कथाकार प्रो. योगेन्द्रनाथ शुक्ल, देवी अहिल्या विवि अध्ययन मंडल में हिन्दी भाषा एवं साहित्य की अध्यक्ष प्रो. अंजना सक्सेना तथा प्रो. अरुणा कुसुमाकर उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि डॉ. प्रकाश उपाध्याय ने प्रतियोगिता के विषय- ‘’साहित्य के माध्यम से विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का विकास’’ की चर्चा करते हुए कहा कि आज सूचना के विकट संजाल में पुस्तकें और साहित्य अलमारियों में कैद होकर रह गया है। पुस्तकों से अच्छा कोई मित्र नहीं हो सकता। फेसबुक, यू-ट्यूब, वाट्सएप आदि के आभासी संसार से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का विकास नहीं हो सकता। मनुष्यता को जीवित रखने के लिए साहित्य की ओर लौटना जरूरी है।
कार्यक्रम की अध्यक्ष लक्ष्मीबाई कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. कुसमलता निगवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रो. प्रमोद उपाध्याय को स्मरण करने का इससे अच्छा माध्यम कोई नहीं हो सकता था कि उनकी स्मृति में साहित्यिक आयोजन हो।
प्रो. योगेंद्रनाथ शुक्ल ने स्व. प्रमोद उपाध्याय का स्मरण करते हुए कहा कि वे कर्मठ और ईमानदार शिक्षक थे और साहित्य उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा था। प्रो. अरुणा कुसुमाकर ने कहा कि ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों को साहित्य अनुराग की प्रेरणा मिलेगी। कार्यक्रम के आयोजक हिन्दी विभाग की अध्यक्ष प्रो. संध्या गंगराड़े ने कहा कि प्रमोद उपाध्याय के व्यक्तित्व का निर्माण ही साहित्य के अध्ययन, चिंतन और मनन के लिए हुआ था।
प्रो. पुष्पा शाक्य ने आभार प्रदर्शन किया। विजेता छात्रों को आयोजकों की ओर से नकद पुरस्कार दिए गए। इसमें स्व. प्रमोद उपाध्याय के परिवार ने उतनी ही राशि का अपनी ओर से योगदान किया।