पान की दुकान पर खडे एक 35 वर्षीय युवक से बातचीत के कुछ अंश…
मैंने पूछा कुछ कमाते धमाते क्यों नहीं…?
वह बोला– क्यो?
मैं बोला– शादी कर लो..?
वह बोला– हो गई..
मैं बोला– कैसे…??
वह बोला– मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से…
मैं बोला– फिर बाल बच्चों के लिये कमाओ…?
वह बोला– जननी सुरक्षा से डिलेवरी फ्री और साथ में 1400 रुपए का चेक…
मैने बोला– बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिये कमाओ..?
वह बोला– उनके लिये पढ़ाई, यूनिफार्म, किताबें और भोजन सब सरकार की तरफ़ से फ्री…!
साथ में लड़का MBBS कर रहा है, BPL होने की वजह से उसे स्कॉलरशिप भी मिलती हैं उस से हम ऐश करते हैं।
मैने बोला– यार घर कैसे चलाते हो ?
वह बोला– छोटी लड़की को अभी सरकार से साइकिल मिली है। लड़के को लैपटॉप मिला है। मां-बाप को वृद्धावस्था पेन्शन मिलती है और एक रूपये किलो गेहू और चावल मिल जाता है।
मैं झुंझला कर बोला यार मां-बाप को तीर्थयात्रा के लिये तो कमा…??
वह बोला- दो धाम करवा दिये हैं मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा से…!
मुझे गुस्सा आया और मैंने कहा–
तो फिर मां बाप के मरने के बाद जलाने के लिये तो कमा..?
वह बोला– 1 रुपए में विद्युत शवदाह गृह हैं..!
मैंने कहा– अपने बच्चों की शादी के लिये तो कमा..?
वह मुस्कुराया और बोला–
फिर वहीं आ गये… अरे उनकी भी वैसे ही होगी जैसे मेरी हुई थी…!!
यार एक बात बता, ये इतने अच्छे कपड़े तू कैसे पहनता है?
वह बोला– राज की बात है..फिर भी बता देता हूँ…
“सरकारी जमीन पर कब्जा करो, आवास योजना में लोन लो और फिर मकान बेच कर नई जगह जमीन कब्जा कर पट्टा ले लो…!!”
अरे जब तुम जैसे लाखों लोग काम करके हमारे लिए टैक्स भर ही रहे हैं तो फिर हमें काम करने की क्या जरूरत है?
अब मेरे पास कोई सवाल नहीं बचा था….
संदेश-
यह नमूना है कि हमारी मेहनत की कमाई लुटा कर सरकार किस तरह लोगों को मक्कार बना रही हैं।
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