भोपाल, मई 2013/ मध्यप्रदेश की पहचान एक ऐसे राज्य की बन चुकी है, जहाँ बेटियों के भविष्य की न केवल चिंता की जा रही है बल्कि उनके लिये अनेक योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं। मध्यप्रदेश सरकार बेटियों को उनके जीवन की शुरूआत में ही लखपति बनने का अवसर दे रही हैं। प्रदेश में बिगड़े लिंगानुपात को सुधारने की दिशा में लाड़ली लक्ष्मी जैसी अनेक योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही हैं। छ: साल पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर शुरू हुई लाड़ली लक्ष्मी योजना की निरंतर हो रही मॉनीटरिंग और क्रियान्वयन का ही परिणाम है कि अब तक 14 लाख 54 हजार 342 बालिकाएँ लाड़ली लक्ष्मी बन  चुकी हैं।

मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना से लाभान्वित हुई सबसे अधिक 3 लाख 16 हजार 399 बालिकाएँ जबलपुर संभाग की हैं। दूसरे क्रम में इन्दौर संभाग की 2 लाख 34 हजार 818 बालिकाएँ तथा तीसरे स्थान पर रहे उज्जैन संभाग में एक लाख 71 हजार 661 बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिला है। इसके बाद सागर संभाग रहा, जहाँं योजना से लाभान्वित होने वाली बालिकाओं की संख्या एक लाख 59 हजार 93 रही।

अन्य संभाग के क्रम में भोपाल संभाग में एक लाख 45 हजार 191, ग्वालियर में एक लाख 15 हजार 984, रीवा में एक लाख 14 हजार 717, नर्मदापुरम् में 74 हजार 194, चम्बल संभाग में 70 हजार 390 और शहडोल संभाग में 51 हजार 895 कन्या को इस योजना का लाभ मिला है।

लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ उठाने में जिला स्तर पर छिन्दवाड़ा जिला अग्रणी रहा है, जहाँ अब तक 66 हजार 482 बालिकाएँ लाभान्वित हुई हैं। जबलपुर जिला दूसरे स्थान पर रहा, जहाँ 63 हजार 5 बालिकाओं ने लाभ उठाया। सागर जिले में 56 हजार 128, इन्दौर जिले में 53 हजार 992, भोपाल जिले में 48 हजार 693, बालाघाट जिले में 47 हजार 884, धार जिले में 47 हजार 584, सतना जिले में 44 हजार 862, बैतूल जिले में 38 हजार 536 और सिवनी जिले में 37 हजार 366 बालिकाओं को पिछले छ: साल में लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिला है।

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