भोपाल, मई 2013/ मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम अब पर्यटकों को बौद्ध पर्यटन की ओर आकर्षित करने के लिए बुद्धिस्ट परिपथ का विकास करेगा। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 5 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

प्रदेश में साँची बौद्ध पर्यटकों का पंसदीदा स्थल है। भोपाल से 46 किलोमीटर दूर स्थित विश्व धरोहर साँची में श्रीलंका, जापान, थाईलेंड, कोरिया तथा चीन से लोग भ्रमण पर आते हैं। यहाँ पर कई बौद्ध स्मारक हैं जो तीसरी शताब्दी से बारहवीं शताब्दी के बीच के काल के हैं। वर्ष 1912 से 1919 के बीच जान मार्शल की देखरेख में ढाँचों को वर्तमान रूप में लाया गया। साँची में बौद्ध वास्तु शिल्प की बेहतरीन कृतियाँ हैं, जिनमें स्तूप, तोरण स्तंभ शामिल हैं। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा साँची में बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान-अध्ययन विश्वविद्यालय स्थापित भी किया जा रहा है।

पर्यटन विकास निगम द्वारा बुद्धिस्ट सर्किट के तहत आने वाले पर्यटन संभावित क्षेत्रों के विकास की कार्य-योजना बनाई गई है। साँची के साथ ही सतधारा, सोनारी, मूरेलखुर्द तथा अंधेर को मिलाकर बुद्धिस्ट सर्किट तैयार किया गया है। उल्लेखनीय है कि साँची से 17 किलोमीटर की दूरी पर हलाली नदी पर सतधारा स्तूप स्थित है। यहाँ पर सात स्तूप हैं, जिसमें सारिपुत्र तथा मौदत्रलयायाना नामक भगवान बुद्ध के शिष्यों के अवशेष पाये गये थे। सोनारी गाँव साँची से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ पर छोटी पहाड़ियों पर बौद्ध स्तूप स्थापित हैं। विदिशा से 17 किलोमीटर की दूरी पर अंधेर गाँव है जहाँ पर तीन बौद्ध स्तूप है, जिनमें वाकीपुत्र, मोगालयापुत्र तथा हरिथीपुत्र के अवशेष पाये गये हैं।

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