भोपाल, अप्रैल 2013/ महिलाओं-बेटियों के विरुद्ध अपराधों की प्रभावी रोकथाम के लिये राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित किया जायेगा। ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिये तात्कालिक उपायों के साथ दीर्घकालिक योजना बनाकर अमल किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि महिलाओं के विरुद्ध अपराध की हर एक घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया जाय।

श्री चौहान ने यहाँ उच्च-स्तरीय बैठक में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की प्रभावी रोकथाम के संबंध में तात्कालिक तथा दीर्घकालिक उपायों के बारे में व्यापक विचार-विमर्श किया। गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता और मुख्य सचिव आर.परशुराम भी बैठक में मौजूद थे।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सहित पूरे देश में हो रही घटनाएँ व्यथित करने वाली हैं। हालांकि प्रदेश में पुलिस-प्रशासन की सक्रियता से अपराधी पकड़े जा रहे हैं और सजाएँ भी हो रही हैं। लेकिन अपराध की प्रभावी रोकथाम के लिए शहरों से लेकर ग्राम स्तर तक सुदृढ़ संस्थागत व्यवस्थाएँ की जायं। सामाजिक संगठनों, विभिन्न एसोसिएशन की जिम्मेदारी और भागीदारी भी बढ़ायी जाय। राज्य-स्तरीय योजना के साथ जिला-स्तरीय एक्शन प्लान बनाया जाय। बेटा-बेटी, महिला-पुरूष के बीच व्याप्त भेदभाव की मानसिकता बदलने के लिये मध्यप्रदेश से राष्ट्रव्यापी बहस छेड़ी जाय। विकृतियाँ फैलाने तथा वातावरण को दूषित करने वाले विज्ञापनों के बारे में मीडिया का सहयोग लिया जाय। अपराधियों की धरपकड़ के लिये वैज्ञानिक तरीकों तथा आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाय। ऐसे प्रयास हों कि अपराधी बचकर जाने नहीं पाये।

बैठक में सुझाव दिये गये कि प्रदेश में वूमन तथा यूथ पॉलिसी बनायी जाय। भ्रूण हत्या अधिनियम, घरेलू हिंसा अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन कराया जाय। मानसिकता में बदलाव की शुरूआत कानून बनाने वाले तथा पालन करवाने वालों से हो। इसके लिये अधिकारियों, न्यायाधीशों, पुलिस तथा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों तथा जन-प्रतिनिधियों की कार्यशाला आयोजित की जाय।

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