भोपाल, मार्च 2013/ वित्त मंत्री राघवजी ने वृत्ति कर सीमा तीस हजार रूपये बढ़ाकर 1.80 लाख रुपए करने के साथ ही चाकलेट, बबलगम व च्युइंगम पर वैट की दर तेरह से घटाकर पांच फीसद करने की घोषणा की है। विधानसभा में उन्होंने माना कि मौजूदा आर्थिक परिदृश्य कठिन है और आर्थिक मंदी के चलते विकास की रफ्तार बनाए रखने की चुनौती है। इसके बावजूद मप्र सरकार ने अपने बजट में अखरने वाला कोई नया कर नहीं लगाया है।
श्री राघवजी सदन में बजट पर सामान्य चर्चा का जवाब दे रहे थे। उनके जवाब से असंतुष्ट मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्य पूरा जवाब सुने बगैर सदन से बहिर्गमन कर गए। वित्त मंत्री ने विपक्ष द्वारा चर्चा में लगाए गये आरोपों का जवाब देते कहा कि मप्र पर कर्ज तय सीमा से भी कम है और पिछले दस वर्ष में यह बमुश्किल ढाई गुना ही बढ़ा है।
राघवजी ने कहा कि वृत्ति कर सीमा डेढ लाख से बढ़ाकर 1.80 लाख की जाएगी, जबकि बजट में छूट गए चाकलेट, च्युइंगम व बबलगम पर आठ फीसदी वेट कम किया जाएगा। बजट की विशेषता गिनाते हुए उन्होंने कहा कि किसानों के लिए बोनस राशि सौ से बढ़ाकर डेढ सौ कर दी गई है, किसानों से 12 सौ रू प्रति हार्सपॉवर दर से फ्लेट रेट, युवाओं के लिए स्वरोजगार योजना,ऋण गारंटी,मार्जिन मनी,आदि की व्यवस्था की गई है। श्रेष्ठ कार्य के लिए पुरस्कारों की स्थापना भी हुई है। वित्त मंत्री ने कर्मचारियों के वेतन मुद्दों पर कहा कि अध्यापक संवर्ग के संदर्भ मंे कहा कि समान कार्य समान वेतन देने का वादा कभी भी घोषणापत्र में नहीं किया गया है। अध्यापकों के वेतन में इजाफे के आंकड़े देते हुए उन्होंने कहा कि मप्र में कर्मीकल्चर समाप्त कर कॉडर बनाया है। जबकि तीन बार डीजल,दो बार पेट्रोल तथा एक बार रसोई गैस पर टैक्स भी सरकार कम कर चुकी है। दाल, गुड व गेहूं पर टैक्स समाप्त किया गया है। आम जनता खुश है कि शराब पर टैक्स बढ़ाया गया है और रसोई गैस पर काम किया गया है।