भोपाल, मार्च 2013/ लोक निर्माण मंत्री नागेन्द्र सिंह ने सीहोर की एक सड़क का ठेका चहेते ठेकेदार को देने के लिए गड़बड़ी करने के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। कांग्रेस के डॉ.गोविंद सिंह ने आरोप लगाया था कि विभाग ने सरकार में दखल रखने वाले ठेकेदार को उपकृत करने के लिए ऐसे ठेकेदार को काम दिया गया है जिसे जल संसाधन विभाग ब्लैकलिस्ट कर चुका है।

प्रश्नकाल के दौरान डॉ.गोविंद सिंह ने पांचीलाल मेड़ा का सवाल करते हुए पूछा कि सीहोर की जमुनिया, भड़कुल मेन रोड से पिपलिया एवं बोरखेड़ा से नरैला मार्ग के निर्माण के लिए 14 प्रतिशत बिलो रेट देने के बावजूद सतना के मेसर्स कैलाश सिंह को काम क्यों नहीं दिया गया। जिस फर्म मेसर्स राजू कंस्ट्रक्शन, भोपाल को काम दिया गया है उसे जल संसाधन विभाग ने ब्लैकलिस्ट किया था?

विभागीय मंत्री ने बताया कि 12 अक्टूबर 2012 को खोली गई। इसमें मेसर्स कैलाश सिंह का वित्तीय ऑफर खोला ही नहीं गया। लिहाजा, फर्म ने क्या रेट दिया था, बताया जाना संभव नहीं है। राजू कंस्ट्रक्शन को पांच प्रतिशत कम दर की वजह से काम आवंटित किया गया। ठेका देने में न तो कोई गड़बड़ी हुई है और न ही शासन को क्षति। इसलिए जांच कराने या हस्तक्षेप की कहीं कोई गुंजाइश ही नहीं है।

वहीं, विश्वमित्र पाठक के सवाल में श्री सिंह ने स्वीकार किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 75 की कुछ जगहों पर हालात खराब है।

 

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