भोपाल, फरवरी 2013/ सूबे का हर बाशिंदा 9 हजार 256 रुपए का कर्जदार है। यह कर्ज उसने खुद नहीं बल्कि सरकार ने विकास योजनाओं के लिए बाजार सहित विभिन्न् संस्थाओं से लिया है। सरकार फिलहाल 71 हजार 478 करोड़ रुपए के कर्ज में है। इसका सालाना ब्याज पांच हजार करोड़ रुपए के करीब अदा किया जा रहा है।
यह जानकारी विधानसभा में डॉ.गोविंद सिंह और प्रद्युमन सिंह तोमर के सवाल के लिखित जवाब में वित्तमंत्री राघवजी ने मंगलवार को दी। उन्होंने बताया कि सरकार के कर्ज का प्रति व्यक्ति औसत भार 2001 की जनगणना और मार्च 2001 की स्थिति में शेष ऋण के आधार पर लगभग 3 हजार 392 रुपए था। यह आंकड़ा अब बढ़कर 2011 की प्रावधिक जनगणना एवं मार्च 2011 के बाकी कर्ज के आधार पर करीब 9 हजार 256 रुपए आता है। 2009-10 में कर्ज के ऐवज में 4 हजार 454 करोड़ और 2010-11 में 5 हजार 48 करोड़ रुपए ब्याज भुगतान किया गया। 31 मार्च 2012 की स्थिति में प्रदेश सरकार पर 71 हजार 478 करोड़ 10 लाख रुपए का कर्ज है।