भोपाल, दिसंबर 2012/ मध्यान्ह भोजन योजना के तहत यदि गुणवत्तापूर्ण भोजन प्रदाय करने में संबंधित स्व-सहायता समूह असमर्थ पाया जाता है तो उसका अनुबंध निरस्त किया जाए। अध्यक्ष, मध्यप्रदेश बाल अधिकारी संरक्षण आयोग श्रीमती उषा चतुर्वेदी ने यह निर्देश आज यहाँ मध्यान्ह भोजन के त्रुटिपूर्ण प्रदाय के संबंध में आयोग की विशेष बेंच में राजगढ़, नरसिंहगढ़ के अधिकारियों, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रामपुर नैकिन जिला सीधी को दिए। संयुक्त विशेष बेंच की सुनवाई के दौरान आयोग की सदस्य श्रीमती रीना गुजराल, श्रीमती विजया शुक्ला, डॉ. रीता उपमन्यु, श्रीमती आर.एन. लता, श्रीमती आशा यादव और श्री विभांशु जोशी भी उपस्थित थे। बेंच में कुल 22 प्रकरण लिए गए।
छात्राओं के साथ महिला शिक्षक जरूर हो
आयोग ने कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ब्यावरा की विदिशा खेलने गई टीम की बालिकाओं के साथ हुए अभद्र व्यवहार पर कड़ा विरोध जताते हुए इसकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए भविष्य में छात्रा टीम के साथ अनिवार्य रूप से महिला शिक्षक और नियमित बस सेवा के स्थान पर विशेष प्रबंध द्वारा भेजने की अनुशंसा की।
संयुक्त बेंच में जिला इंदौर के महू, झाबुआ, रीवा स्थित छात्रावास/शालाओं में आकस्मिक निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं, मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता के संबंध में नंदी फाउन्डेशन, भोपाल में बच्चों के हुक्का पीने, वर्ष 2010 की छात्रवृत्ति नहीं देने और स्कूल में बच्चे को परेशान करने आदि प्रकरणों पर सुनवाई की गई।