भोपाल। मध्यप्रदेश में जैसे जैसे मतदान की तारीख निकट आ रही है और प्रमुख प्रतिद्वंद्वी दलों भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला कडा होता जा रहा है ऐसे में यह सवाल चुनाव अभियान के केंद्र में आ गया है कि क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बहुचर्चित लाड़ली बहना योजना चुनाव में भाजपा के लिए वरदान साबित हो रही है? यह चर्चा इसलिए है क्योंकि महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना के चलते भाजपा की चुनाव सभाओं में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की भीड़ अधिक नजर आ रही है। इसकी काट के रूप में कांग्रेस और कमलनाथ द्वारा ‘नारी सम्मान योजना’ की घोषणा के बावजूद भाजपा और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की चुनावी सभाओं में महिलाओं की बडी संख्या में उपस्थिति और बहुत भावुक होकर मुख्यमंत्री से मिलने की घटनाएं बता रही हैं कि प्रदेश की आधी आबादी के निर्णायक वोट में यह योजना धुरी का काम करेगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस वर्ष जनवरी में योजना तैयार कर महिलाओं को एक हजार रुपये प्रति माह देने की घोषणा की थी। दो महीने बाद मार्च में भाजपा सरकार ने न केवल इसे मंत्रि-परिषद से पास किया। बल्कि विधानसभा के बजट सत्र में इस योजना के लिए दिसम्बर तक की राशि का प्रावधान किया। मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की योजना को लागू किए जाने की खबर लगते ही कांग्रेस ने ‘नारी सम्मान’ योजना लाने की घोषणा की। इसमें महिलाओं को 1500 एवं 500 रुपये में सिलेण्डर देने की बात कही गई। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री ने ही इस योजना में मिल रही मासिक राशि को धीरे-धीरे बढ़ाकर 3 हजार रुपये प्रतिमाह तक ले जाने का न केवल आश्वासन दिया, बल्कि आचार संहिता लगने से पहले योजना की राशि बढ़ाकर 1250 रुपये प्रति माह कर दी। चुनाव में लाड़ली बहना योजना का भाजपा को जबरदस्त लाभ मिलता दिख रहा है। ऐसा संभवत: इसलिए है क्योंकि इसके जरिये लाखों गरीब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है। अभी तक लाड़ली बहनों के खाते में छह किस्तों में 6500 रुपए आ चुके हैं। लाड़ली बहनों का कहना है कि योजना उनके लिए बहुत बडा संबल बनी है। उन्हें भरोसा है कि यह योजना जारी रहेगी और लाड़ली बहनों को 3 हजार रुपए प्रति महीना भी मिलेंगे।
1.30 करोड़ को मिल रहा योजना का लाभ
मध्यप्रदेश में वर्तमान 21 से 60 वर्ष आयु सीमा की 1 करोड़ 30 लाख पात्र महिलाओं को ‘लाड़ली बहना’ योजना का लाभ मिल रहा है। योजना में पहले तीन महीने सरकार ने एक हजार रुपये हितग्राही महिलाओं के खाते में डाले। लेकिन विगत दो महीनों से यह राशि बढ़ाकर 1250 रुपये कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने इसे बढ़ाकर पहले 1500, बाद में 1750, 2000, 2250, 2500, 2750 और फिर 3000 रुपये प्रति माह करने का आश्वासन भी दिया है।
कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब
भाजपा की चुनावी सभाओं और कार्यक्रमों में महिलाओं की भीड़ निश्चित ही कांग्रेस के लिए परेशानी का कारण बन रही हैं। कांग्रेस के नेता अपने बयानों और सभाओं में ‘लाडली बहना योजना’ के भविष्य को लेकर सवाल भी उठा रहे हैं। यह भी पूछा जा रहा है कि चुनाव से ऐन पहले ही यह योजना क्यों? हाल ही में कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के ‘संकल्प पत्र’ में लाड़ली बहना योजना का उल्लेख नहीं है। जबकि वास्तविकता यह है कि न सिर्फ इस योजना का संकल्प पत्र में उल्लेख है बल्कि वर्तमान नवंबर महीने की राशि योजना की हितग्राही महिलाओं के खाते में 7 नवंबर को ही पहुंच चुकी है।