भोपाल, दिसंबर 2012/ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि साँची बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय शांति की राह प्रशस्त कर मानवता की सेवा का माध्यम बनेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ साँची बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय की सलाहकार समिति के सदस्यों से विश्वविद्यालय के अध्ययन, अध्यापन एवं शोध विषयों पर परामर्श कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आर. परशुराम, सलाहकार समिति के सदस्य गेसे सेमतेन, डॉ. सिद्धेश्वर रामेश्वर भट्ट, प्रो. श्रीकांत कोण्डापल्ली, प्रो. जियो लयाँग, डॉ. लोकेश चन्द्रा, प्रो. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, प्रो. कृष्णबिहारी पाण्डेय, निर्मला शर्मा और प्रमुख सचिव संस्कृति बसन्त प्रताप सिंह उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साँची बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय का स्वरूप ऐसा हो कि वह मानव मात्र के कल्याण की नई दृष्टि और दिशा दे। उन्होंने कहा कि इस कार्य में देश-दुनिया के सभी विद्वानों से परामर्श किया जाये। उनके विचार मंथन से उत्पन्न कार्यों को क्रियान्वित करने का कार्य राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा। इस कार्य में धन की कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र का प्रारंभ बौद्ध और भारतीय दर्शन के अध्ययन- अध्यापन से प्रारंभ हो। उन्होंने कहा कि भौतिकता की अंधी दौड़ में मानव मूल्यों का क्षरण हो रहा है। भारतीय दर्शन से ही नैतिक मूल्यों के संरक्षण को नई दिशा देने में मदद मिलेगी।
चर्चा में बताया गया कि सलाहकार समिति द्वारा अगले शैक्षणिक सत्र से शिक्षण कार्य प्रारंभ करने की रूप रेखा तैयार की गयी है। इस संबंध में फरवरी माह में बैठक का आयोजन किया गया है जिसमें पाठ्यक्रम और शैक्षणिक गतिविधियों आदि के संबंध में निर्णय किया जायेगा।