भोपाल, नवंबर 2012/ मध्‍यप्रदेश में मनरेगा में अगले वर्ष से जरूरतमंदों के लिए ना काम की कमी होगी और ना ही बजट की कमी होने दी जाएगी। अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा ने इसके लिए नये दिशा-निर्देश जारी करते हुए गाँवों में रोजगार की मांग के अनुरूप ही वार्षिक कार्ययोजना बनाने को कहा है। इसके लिए पंचायतों में जॉब कार्डधारी परिवारों की संख्या का सही-सही आंकलन कर संभावित रोजगार की मांग के साथ समय चक्र को भी ध्यान में रखा जाएगा। इसके लिए आवश्यक धनराशि का भारत सरकार स्तर पर अनुमोदन एवं वांछित आवंटन करवाने के उद्देश्य से अभी से वार्षिक कार्ययोजना बनाए जाने के निर्देश दिए हैं।

वार्षिक कार्ययोजना में लेबर बजट के निर्माण के लिए कार्यो के चयन में एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन एप्रोच को दृष्टिगत रखा जाएगा। इसमें जलग्रहण क्षेत्र विकास, सतही एवं भू-जल प्रबंधन, बाढ़ नियंत्रण व जल निकासी के लिए नालियों का प्रबंधन, खेती का विकास और स्थाई आजीविका के साधन के रूप में विकसित होने वाली टिकाऊ आस्तियाँ निर्मित की जाएगी। मनरेगा की राशि के साथ अन्य योजनाओं की राशि के अभिसरण से अद्योसंरचनात्मक कार्य किए जाएगें। ध्यान रखा जाएगा कि प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग कर गाँव का सर्वांगीण विकास हो और खेतिहर मजदूरों, लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए गाँव में ही आजीविका के लिए टिकाऊ एवं स्थाई अवसर उपलब्ध करवाए जा सके।

लेबर बजट के आधार पर संभावित रोजगार की माँग को दृष्टिगत रखते हुए सृजित हो सकने वाले मानव दिवस संख्या को आधार बनाते हुए, ग्राम पंचायतों के शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाएगा। प्रोजेक्ट में सर्वप्रथम गत वर्षों के अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने की प्राथमिकता निर्धारित होगी। इनसे सृजित होने वाले मानव दिवसों का ऑकलन किया जाएगा। लेबर बजट अनुसार संभावित सृजित होने वाले मानव दिवस में से अपूर्ण कार्यों से सृजित होने वाले मानव दिवस को घटाकर शेष मानव दिवस सृजन के लिये ही नये कार्यों का चयन किया जाएगा।

वार्षिक कार्ययोजना में सम्मिलित होने वाले नवीन सामुदायिक कार्यों एंव हितग्राहीमूलक कार्यों की निर्धारित प्राथमिकताओं के आधार पर ही कार्य चुने जायेंगे। प्राथमिकता के आधार पर एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन से जुड़े कार्य चिन्हांकित किए जाएगें। मनरेगा से अभिसरण कर किए जा सकने वाले कार्य जैसे मर्यादा अभियान, पंच परमेश्वर अंतर्गत आंतरिक सीमेंट-क्रांकीट सड़क, बीआरजीएफ से भारत निर्माण, राजीव गांधी सेवा केन्द्र, पंचायत भवन, नदी पुनर्जीवन इत्यादि कार्य होगें।

हितग्राहीमूलक कार्यों में बीपीएल के अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य वर्ग के परिवार, गरीबी रेखा से ऊपर जीवन-यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति के परिवार, इंदिरा आवास, भूमि सुधार एवं वनाधिकार हक प्रमाण-पत्र धारक ऐसे हितग्राही, जो बीपीएल में सम्मिलित नहीं है एवं लघु सीमांत कृषक के हिताधिकारियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत द्वारा जो कार्य प्रस्तावित किए गए हैं उन पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार ग्रामसभा को ही होगा। ग्रामसभा से अनुमोदन नहीं होने पर कार्य नहीं करवाए जा सकेगें। दो या दो से अधिक जनपद पंचायतों के कार्यों को जिला पंचायत की साधारण सभा अनुमोदित करेगी। इसी प्रकार दो या दो से अधिक ग्राम पंचायतों में होने वाले कार्य जनपद की साधारण सभा द्वारा अनुमोदित किए जायेंगे। कार्य प्रारंभ करने संबंधी अंतिम निर्णय ग्राम-सभा ही लेगी।

वार्षिक कार्ययोजना के लिए चुने जाने वाले शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट में शामिल होने वाले कार्यों के चयन में स्टेक होल्डर की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। योजना के स्टेक होल्डर्स सक्रिय जॉब कार्डधारी, अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवार, गरीबी रेखा के जीवन-यापन करने वाले सामान्य वर्ग के परिवार, इंदिरा आवास, भूमि सुधार, लघु एवं सीमांत कृषक वर्ग और वनाधिकार अधिनियम के तहत हक प्रमाण पत्रधारक परिवार, स्वसहायता समूह, ग्राम उत्थान समितियाँ, समेकित माइक्रो प्रोजेक्ट के एनजीओ, संयुक्त वन प्रबंधन समिति एवं जल उपभोक्ता संथा होंगे।

जॉब कार्डों के निरस्तीकरण एवं नवीन जॉब कार्ड बनाये जाने हेतु परिवारों के चिन्हाँकन का कार्य भी किया जा रहा है। विगत 3 वर्ष में जिन जॉब कार्डधारियों द्वारा एक भी दिन का कार्य नहीं किया गया है, उनके जॉब कार्ड निरस्त किये जायेंगे। जॉब कार्ड निरस्तीकरण के अंतर्गत उन्हें भी सम्मिलित किया जायेगा जिनके द्वारा भविष्य मंे कार्य करने की संभावना नहीं है। जॉब कार्डधारी परिवारों के ऐसे सदस्यों के नाम विलोपित किये जाएंगे, जो किन्हीं अन्य कारणों से गाँव में निवास नहीं करते अथवा ऐसी महिलाएँ जिनका विवाह हो गया हो और वे किसी अन्य गाँव में निवास कर रहीं हैं अथवा कि किसी वयस्क सदस्य की मृत्यु हो गई हो।

जॉब कार्डधारियों की जानकारी जॉब कार्ड पंजी में दिनांक सहित हस्ताक्षर कर ग्राम पंचायत सचिव द्वारा नियमित रूप से मनरेगा साफ्टवेयर में अद्यतन करवाई जाएगी। जनपद पंचायत में डाटा बेस अद्यतन करवाने का उत्तरदायित्व पंचायत सचिव का रहेगा। नवनियुक्त ग्राम रोजगार सहायक उन्हें इस काम में आवश्यक सहयोग करेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here