बीते सात साल में मध्यप्रदेश एक ऐसे राज्य के रूप में विकसित हुआ जहाँ न केवल आम नागरिकों को व्यापक राहत मिली बल्कि जनहित में हुए कामों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली। इसने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व की सरकार को जनोन्मुखी साबित किया है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में बनाई गई जन-कल्याणकारी योजनाएँ किसी परिचय की मोहताज नहीं। विकास का कार्य इस गति के साथ हुआ कि सभी को इसकी सराहना करनी पड़ी। साथ ही जन-कल्याणकारी योजनाओं से जन-सामान्य लाभान्वित हुआ और लोगों से मिली तारीफ ही तारीफ।
मध्यप्रदेश में बीते सात साल में जनहित में हुए अनेक कामों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है। मध्यप्रदेश में जो हुआ वह दूसरों के लिये प्रेरक भी बन गया।
सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी, 2012 में मध्यप्रदेश में जन-कल्याण कार्यों से संबंधी न्यायिक आदेशों पर अमल के मामले में एक बार फिर राज्य के शिवराज सिंह चौहान सरकार की सराहना की। इस बार अदालत ने राज्य में सर्दी में बेसहारा लोगों के लिये रैन-बसेरों की व्यवस्था के मामले में राज्य सरकार के काम को सराहा। इसके पहले अदालत ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करने पर मध्यप्रदेश सरकार की सराहना की थी। कोर्ट ने राज्य सरकार के काम की सराहना करते हुए कहा कि दूसरे राज्यों को इससे नसीहत लेनी चाहिये और न्यायिक आदेशों पर अमल की पुष्टि के लिये इसी प्रकार से तस्वीर भी पेश करना चाहिये।
इण्डिया टुडे द्वारा एक नवम्बर, 2012 को स्टेट ऑफ स्टेट कार्यक्रम में व्यापक अर्थव्यवस्था की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये मध्यप्रदेश को पुरस्कृत किया गया। इसी के साथ अन्य श्रेणियों में मध्यप्रदेश पिछले वर्ष की तुलना में भी आगे रहा। यही नहीं अप्रैल, 2011 में हिन्दी भाषी राज्यों के शक्तिशाली नेतृत्व में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को सबसे पहले शुमार किया गया। इण्डिया टुडे पत्रिका द्वारा वर्ष 2011 की आला हस्तियों के बारे में किये गये एक सर्वेक्षण में श्री चौहान को जनता से सीधे संवाद और सहज-सरल स्वभाव के बूते अपने राज्य में सच्चा जन-नेता माना गया।
प्रदेश को यूनाईटेड नेशन्स पब्लिक सर्विस अवार्ड-2012 इम्प्रूविंग द डिलेवरी ऑफ पब्लिक सर्विसेस श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। ब्राजील के रियो-डी-जैनेरियो शहर में 21 जून, 2012 को वूमेन गुड प्रेक्टिस अवार्ड रियो प्लस 20 में जल तथा स्वच्छता श्रेणी में मध्यप्रदेश को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
नवम्बर, 2011 में प्रदेश भर में चर्चित मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के बेटी बचाओ अभियान की गूँज पड़ोसी देश पाकिस्तान तक भी जा पहुँची। पाकिस्तान के जाने-माने मीडिया समूह डान से जुड़ी पत्रकार सोफिया जमाल ने चौहान के नेतृत्व में बेटी बचाओ अभियान को एक बेहद सकारात्मक पहल बताया। सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रमुख स्वामी अग्निवेश ने अक्टूबर, 2011 में मध्यप्रदेश में लिंग भेद के विरोध में प्रारंभ किये गये बेटी बचाओ अभियान की प्रशंसा की। अक्टूबर, 2011 में बेटी बचाओ अभियान के शुभारंभ अवसर पर यूनिसेफ के स्टेट हेड श्री एडवर्ड बिडर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह एक बहुत महत्वपूर्ण पहल है, जिसे देखकर मैं बहुत प्रभावित हूँ।
जून, 2011 में विकास के लिये की गई मध्यप्रदेश सरकार की सकारात्मक पहल से प्रभावित विश्व बैंक ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को वाशिंगटन आमंत्रित किया। विश्व बैंक का मानना है कि महिलाओं के विकास, सामाजिक सुरक्षा और लड़कियों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण बदलने में किये गये अनुकरणीय प्रयास की योजनाओं की जानकारी अन्य देशों को भी मिलनी चाहिये।
मध्यप्रदेश को ई-भुगतान के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिये गोल्ड अवार्ड और स्टेट ऑफ द इयर अवार्ड सितम्बर, 2012 में मिला है। मध्यप्रदेश को ई-उपार्जन की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रिया के लिये राष्ट्रीय कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इण्डिया निहिलेंट अवार्ड के लिये चुना गया है। फरवरी, 2011 में मध्यप्रदेश सरकार को ई-शासन के उत्कृष्टतम क्रियान्वयन में विशेष पहल के लिये भारत सरकार ने नेशनल ई-गवर्नेंस अवार्ड से पुरस्कृत किया। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में दो दिवसीय चौदहवीं नेशनल कान्फ्रेंस ऑन ई-गवर्नेंस के अवसर पर मध्यप्रदेश में चल रहे ई-शासन के उत्कृष्ट कार्य को न केवल भारत सरकार ने मान्यता प्रदान की, बल्कि उसके क्रियान्वयन में विशेष पहल और प्रोत्साहन देने के लिये ई-गवर्नेंस का प्रतिष्ठित पुरस्कार भारत सरकार के प्रशासकीय सुधार और सार्वजनिक शिकायत विभाग एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने संयुक्त रूप से प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की ऑनलाइन मॉनीटरिंग के लिये बनाये गये सॉफ्टवेयर को ‘‘स्कोच डिजिटल इन्क्लूजन अवार्ड-2012’’ से पुरस्कृत किया गया। अगस्त, 2011 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में मध्यप्रदेश में बनी सड़कें अब सर्वे ऑफ इण्डिया के नक्शों में दर्शाई जायेगी। यह उपलब्धि प्राप्त करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। केन्द्रीय योजना आयोग ने जून, 2011 में प्रदेश की सीमावर्ती 24 परिवहन जाँच चौकियों के आधुनिकीकरण की 1150 करोड़ रुपये की परियोजना को अभिनव कदम करार देकर सराहा। आयोग ने इसकी केस स्टडी तैयार करने को कहा, ताकि अन्य राज्यों को इसके अनुकरण को कहा जा सके।
मध्यप्रदेश पुलिस की साइबर सेल को जनवरी, 2012 में देश का बेस्ट साइबर काप ऑफ इण्डिया अवार्ड प्रदान किया गया।
केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री श्री सुशील कुमार शिंदे ने 22 मार्च, 2012 को दिल्ली में मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री उमेश राउतजी और कम्पनी के सलाहकार श्री बसंत महतो को ट्रांसमिशन परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिये वार्षिक राष्ट्रीय पुरस्कारों में रजत-शील्ड व प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया।
दिसम्बर, 2011 में मुम्बई में ट्रेवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के सेमीनार में मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम को बेस्ट स्टेट टूरिज्म बोर्ड ऑफ द इयर अवार्ड से सम्मानित किया। जनवरी, 2011 में नई दिल्ली में मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2011-12 के दौरान पर्यटन परियोजनाओं की प्राथमिकता निर्धारण बैठक में राज्य द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में किये गये विकास की सराहना करते हुए केन्द्रीय पर्यटन विभाग के अधिकारियों सहित अन्य राज्यों के अधिकारियों को भी मध्यप्रदेश का उदाहरण देने के निर्देश दिये गये।
डेल्ही सस्टेनेबल डेव्हलपमेंट समिट-2012 के दौरान प्रदेश को ‘पैनासोनिक ग्रीन ग्लोब अवार्ड’ मिला। यह पुरस्कार वन विभाग द्वारा पर्यावरण सुरक्षा और संरक्षण के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों के लिये दिया गया है। वन विभाग को फरवरी, 2012 में जी.आई.एस.एस.डी.आई. अवार्ड जी.आई.एस. तकनीक के बेहतर उपयोग के लिये दिया गया। अगस्त, 2012 में मध्यप्रदेश में वन अधिकार अधिनियम के बेहतर क्रियान्वयन की न केवल केन्द्र सरकार ने प्रशंसा की, बल्कि देश के अन्य राज्यों ने भी इसका अनुसरण किया। मई, 2011 में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री जयराम रमेश ने भोपाल भ्रमण के दौरान वन विभाग में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत शासन तथा अन्य प्रदेशों के लिये भी इस तरह के सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिये मध्यप्रदेश के वन विभाग का सहयोग लिया जायेगा। अप्रैल, 2011 में केन्द्रीय योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री मोन्टेक सिंह अहलूवालिया ने प्रदेश के वन विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी उपयोग के कार्यों की प्रशंसा की और अधिकारियों को इसके प्रस्तुतिकरण के लिये दिल्ली बुलाया।
इसी तरह कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये प्रदेश को एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड-2012 भी प्राप्त हुआ है। अगस्त, 2012 में लाखों किसानों को बिना ब्याज (जीरो प्रतिशत) पर कृषि ऋण देने की मध्यप्रदेश सरकार की नीति गुजरात सरकार को भी रास आयी। जुलाई, 2012 में राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी श्री पी.ए. संगमा ने कहा कि सुशासन के क्षेत्र में अब तक गुजरात का नाम लिया जाता था, लेकिन अब मध्यप्रदेश भी आगे आ रहा है। उन्होंने मध्यप्रदेश में आदिवासियों और किसानों के कल्याण के लिये हो रहे कामों को अनुकरणीय बताया।
जुलाई, 2012 में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के मध्यप्रदेश में सफल क्रियान्वयन के बाद देश के आठ राज्यों ने भी इसका अनुसरण किया। इसमें बिहार, पंजाब, उत्तराखण्ड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और झारखण्ड शामिल हैं। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आगासोद-बीना में 20 मई को भारत-ओमान रिफायनरी प्रा.लि. की तेल-शोधक परियोजना के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से अधिनियम की जानकारी ली। जनवरी, 2011 में शिवराज केबिनेट द्वारा प्रदेश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिये विशेष अदालत गठित करने तथा दोषियों की सम्पत्ति जप्त करने के फैसले का व्यापक स्वागत हुआ और प्रबुद्धजनों ने इसे सही फैसला बताया।
जनवरी, 2011 में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मुख्य संरक्षक मौलाना कल्ब-ए-जव्वाद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल ने भेंट कर प्रदेश में सर्व धर्म समभाव और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बगैर जाति, धर्म और भेदभाव के सभी गरीबों तक पहुँचाने के प्रयासों की सराहना की। सितम्बर, 2011 में अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरण के मामले में केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश को मॉडल राज्य माना और अन्य राज्यों को अनुसरण की सलाह दी। केन्द्र ने वक्फ बोर्ड में कम्प्यूटराइजेशन के काम को भी आदर्श करार देते हुए अन्य राज्यों को अमल में लाने की सलाह दी।
फरवरी, 2012 में बालिकाओं की शिक्षा के प्रयासों और नवाचारी पहल के मामले में मध्यप्रदेश का प्रदर्शन अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक उत्कृष्ट रहा। यह निष्कर्ष राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में सामने आया, जिसे एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पत्रिका और एबेकस मार्केट रिसर्च सर्वे नई दिल्ली ने किया था।
फरवरी, 2012 में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में चौथे पायदान पर रहा। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में लगभग साढ़े 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई। बालाघाट केन्द्रीय सहकारी बैंक को माओवाद प्रभावित ग्राम में मोबाइल बैंकिंग को प्रोत्साहित करने के लिये नाबार्ड का राष्ट्रीय पुरस्कार-2012 मिला।
सितम्बर, 2011 में केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश के ग्राम विकास कार्यों की प्रशंसा की। केन्द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2010-11 के लिये मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों, खाद्य सुरक्षा, निर्धन वर्ग के लिये लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली और ग्राम स्व-रोजगार योजना आदि कार्यों को उत्कृष्ट श्रेणी का माना गया। सितम्बर, 2011 में लाओस एवं वियतनाम के अध्ययन दल ने प्रदेश के चुने हुए जिलों के गाँवों में ग्रामीण समुदाय को विश्वास में लेकर स्व-सहायता समूह के रूप में उन्हें संगठित कर आजीविका संवर्धन गतिविधियों से जोड़ने के कार्य की सराहना की।
सितम्बर, 2011 में वर्ल्ड इकॉनामी फोरम के चेयरमेन क्लास सैव ने प्रदेश की प्रगतिशील नीतियों की सराहना की। चीन के डालियान शहर में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा के दौरान वे प्रदेश से इतने खुश हुए कि उन्होंने मुख्यमंत्री को सी.आई.आई. और वर्ल्ड इकॉनामी फोरम द्वारा संयुक्त रूप से नवम्बर, 2011 में मुम्बई में होने वाले इण्डियन इकॉनामी फोरम के समिट में भाग लेने का आमंत्रण दिया।
जून, 2011 में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हार्ट सर्जन और एस्कार्ट, नई दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. वाय.के. मिश्रा ने नव भारत और सेंट्रल क्रानिकल से बातचीत के दौरान मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना की शुरूआत पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मुक्त कंठ से सराहना की। जून, 2011 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 2010-11 में जनसंख्या रोकने के लिये सबसे कारगर कार्य मध्यप्रदेश में हुआ है। सिर्फ सालभर के भीतर राज्य के 6 लाख से ज्यादा लोगों ने परिवार नियोजन के लिये नसबंदी को अपनाया।
जून, 2011 में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालकृष्ण आडवाणी ने अपने ब्लॉग में मध्यप्रदेश सरकार के नाट्य विद्यालय की शुरूआत को सराहनीय पहल बताया। उन्होंने कहा कि इससे रंगमंच, टेलीविजन और सिनेमा तीनों माध्यम और समृद्ध हो सकेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा के प्रयासों की भी सराहना की। फिल्म स्टार जया बच्चन ने भी नाट्य विद्यालय स्थापना की सराहना की।
अप्रैल, 2011 में वैश्विक परिदृश्य पर मध्यप्रदेश की पहचान एक निवेश मित्र राज्य के रूप में स्थापित हुई। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा संसद में प्रस्तुत किये गये प्रतिवेदन के अनुसार राज्य में पिछले वर्ष के मुकाबले वर्ष 2010-11 में 800 प्रतिशत अधिक विदेशी निवेश हुआ। यह राज्य शासन के मध्यप्रदेश में पूँजी निवेश आकर्षित करने के अनवरत अभियान का नतीजा है।
केन्द्र सरकार के अधिकारियों ने मध्यप्रदेश में सड़क विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में हुए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के उत्कृष्ट कार्यों की देश के कई राज्यों में सराहना हुई है। बिहार तथा राजस्थान राज्यों ने सड़क विकास के लिये मध्यप्रदेश सरकार के माडल को जस का तस अपनाया है। मध्यप्रदेश में वर्ल्ड बैंक और एडीबी द्वारा संचालित विभिन्न वित्त परियोजनाओं की राज्य-स्तरीय समीक्षा में भी यह बात सामने आयी।
प्रदेश के विकेन्द्रीकृत जिला योजना मॉडल से केन्द्रीय योजना आयोग इस कदर प्रभावित है कि वह दूसरे राज्यों को इस मॉडल को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। आयोग ने विकेन्द्रीकृत योजना लागू करने में पिछड़े राज्यों को मध्यप्रदेश मॉडल अपनाने की सलाह दी है। राज्य योजना आयोग में सलाहकार श्री मंगेश त्यागी के अनुसार म.प्र. पहला राज्य है जिसने विकेन्द्रीकृत योजना के मॉडल को शत-प्रतिशत लागू किया है। सभी जिलों की वार्षिक योजना इसी आधार पर बनाई जा रही है। इसमें नागरिक स्वयं जरूरत के हिसाब से प्राथमिकताएँ तय करते हैं।
मध्यप्रदेश में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति का प्रचार-प्रसार, आवेदन का तरीका और ऑनलाईन प्रक्रिया को केन्द्र सरकार ने आदर्श माना है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने मध्यप्रदेश के अधिकारियों को ’फार्मूला’ समझने के लिए आमंत्रित किया। केन्द्रीय पंचायत राज सचिव श्री ए.एन.पी. सिन्हा ने पंचायत राज और पंचायत (अधिसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम 1996 के अमल में प्रदेश को देश का आदर्श राज्य बताया है।
ब्रिटिश सरकार के अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (डीएफआईडी) ने प्रदेश के चौदह नगर निगम में चल रहे प्रोजेक्ट ‘‘उत्थान’’ के कार्यों की सराहना की। डीएफआईडी के दल ने प्रोजेक्ट उत्थान के कार्यों विशेषकर ई-गवर्नेंस कार्य जैसे म्यूनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम, ट्रेंनिग मैनेजमेंट सिस्टम, ऑटोमेटिक बिल्डिंग परमिशन सिस्टम आदि कार्यों की प्रशंसा की। इसी तरह नगरीय निकायों के अधिकारियों-कर्मचारियों की क्षमता में वृद्धि के लिए मध्यप्रदेश राज्य का प्रशिक्षण माड्यूल सभी राज्यों में लागू किया गया है।
केन्द्रीय योजना आयोग के सदस्य डा. नरेन्द्र जाधव ने मध्यप्रदेश में रोजगारोन्मुखी शिक्षा और प्रशिक्षण सुविधाओं के विस्तार के साथ ही परम्परागत कारीगरों के कौशल उन्नयन की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में हो रहे प्रयासों से अन्य प्रदेश भी लाभान्वित होंगे। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुश्री सुजाता राव ने सेहत के मामले में मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों को सराहते हुए कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में दृढ़ राजनीतिक इच्छा-शक्ति दिखती है।
ब्रिटेन सरकार के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट अंतर्राष्ट्रीय विकास एंड्रयू मिशेल ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के स्कूलों, अस्पतालों की तुलना करते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के प्रयासों एवं परिणामों की सराहना की। उन्होंने अटल बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन लागू करने के लिये भी मुख्यमंत्री की सराहना की। योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने भी गत वर्ष जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन में अग्रणी रहने पर मध्यप्रदेश की पीठ थपथपाई। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसकी प्रशंसा की।
अध्यक्ष वैलिड न्यूट्रीशन, आयरलैण्ड डॉ. स्टेव कॉलिंस के साथ इस वर्ष भोपाल पहुँची यूनिसेफ की पाँच सदस्यीय टीम ने बैरागढ़ सिविल अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केन्द्र का निरीक्षण कर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा कि ‘‘मैं पिछले 20 वर्ष से पोषण पुनर्वास केन्द्रों का निरीक्षण कर रहा हूँ लेकिन इससे अच्छा केन्द्र पहले कभी नहीं देखा।’’
पहले खजुराहो और फिर अभी हाल ही में इन्दौर ग्लोबल समिट के समय राज्य सरकार की उद्योगों के विकास के प्रति दृष्टिकोण की सराहना रिलायन्स के एडीएजी प्रमुख श्री अनिल अंबानी, श्री आदित्य बिड़ला समूह के श्री कुमार मंगलम बिड़ला, एस्सार समूह के अध्यक्ष श्री शशि रूइया एवं जे.पी. एसोसिएट्स के श्री जे.पी. गौर ने कहा कि अगले दस सालों में प्रदेश हर दृष्टि से देश का सर्वाधिक विकसित राज्य बनेगा। रियो टिंटो के अंतर्राष्ट्रीय संचालन प्रमुख श्री राबर्ट कोर्ट ने कहा कि प्रदेश में प्रशासनिक प्रक्रियाएँ काफी पारदर्शी और निवेशों के अनुकूल है। श्री कोर्ट ने कहा कि निकट भविष्य में प्रदेश दुनिया के दस प्रमुख हीरा उत्पादक क्षेत्रों में शामिल हो जायेगा।
प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने भी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा की। उन्होंने अल्पसंख्यकों के 15 सूत्री राष्ट्रीय योजना की केबिनेट समीक्षा के दौरान पाया कि प्रदेश ने मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण की केन्द्रीय पहल पर अच्छा काम किया है। मध्यप्रदेश मदरसों में स्तरीय शिक्षा मुहैया करवाने की योजना में इन संस्थानों को आधुनिक बना रहा है।
खेलों में बेहतरीन काम के लिये केन्द्र सरकार ने खेल दिवस-29 अगस्त 2010 को मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन अवार्ड से नवाजा। यह अवार्ड तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को भेंट किया। अवार्ड पाते ही मध्यप्रदेश देश में एक रोल मॉडल बन गया। यह पहला मौका है जब किसी प्रदेश को यह अवार्ड मिला। प्रदेश की गाँव-गाँव में खेल योजना से केन्द्रीय खेल मंत्रालय इतना प्रभावित हुआ कि इसे मॉडल रूप में पूरे देश में लागू कर दिया।
खेलों के प्रोत्साहन में राष्ट्रपति के हाथों से सम्मानित होने वाला प्रदेश अब देश में मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार के क्रियान्वयन में भी बाजी मार सकता है। प्रदेश इस मामले में कई राज्यों से बेहतर स्थिति में है। यह बात तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सचिव श्रीमती अंशु वैश्य ने कही।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यू.एन.सी.एफ.) द्वारा प्रदेश में प्रत्येक एक किलोमीटर पर प्राथमिक, प्रत्येक तीन किलोमीटर पर माध्यमिक और प्रत्येक पाँच किलोमीटर पर हाईस्कूल की उपलब्धता की सराहना की। यूनीसेफ की भारत प्रमुख सुश्री करीन हुल्शोक ने राज्य शासन द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और कुपोषण के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों को प्रशंसनीय बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के विकास के लिये लागू अभिनव योजनाओं से प्रदेश की विश्व स्तर पर पहचान बनी है। विश्व बैंक ने पोषित व्यावसायिक शिक्षा सुधार परियोजना में मध्यप्रदेश के प्रदर्शन को बेहतर माना। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के दल ने मध्यप्रदेश में मातृ मृत्यु दर कम करने के लिये संस्थागत प्रसव में हुई वृद्धि एवं शिशु मृत्यु दर कम करने की कोशिशों को सराहा।
हिमाचल प्रदेश सरकार वनों को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश वन विभाग का अनुसरण कर अतिआधुनिक ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जी.पी.एस.) तैयार करेगी, जिससे जंगलों को आग से बचाने, वनों में नाज़ायज कब्जों को रोकने और पौधा रोपण का मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी। यह बात हिमाचल प्रदेश के वन मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने कही। लंदन के ओलम्पिया हाल में नेचुरल एण्ड आर्गेनिक प्रोडक्ट्स-यूरोप 2010 प्रदर्शनी में मध्यप्रदेश के हर्बल एवं वन उत्पादों तथा कच्चे माल को काफी सराहा गया। प्रदर्शनी में आये आगन्तुकों ने इन उत्पादों के लाभ में ग्रामीणों को भागीदार बनाने की मध्यप्रदेश की पहल के प्रति प्रसन्नता भी व्यक्त की।
देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की स्थिति पर स्वयंसेवी संगठन प्रथम की सालाना रिपोर्ट में म.प्र. के जो आँंकड़े आये वह बेहतर भविष्य के प्रति आश्वस्त करने वाले थे। पहली कक्षा के बच्चों की अक्षरों को पहचानने और उन्हें पढ़ पाने की क्षमता के मामले में प्रदेश के बच्चे केरल, गोवा और पूर्वोत्तर की अपेक्षाकृत अधिक साक्षर राज्यों से होड़ कर रहे थे। यहाँ तक कि इन मानकों में आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे सम्पन्न राज्य भी प्रदेश के बच्चों से काफी पीछे दिखे।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला ने भोपाल में एक प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री श्री चौहान की बात से सहमत होकर कहा कि राष्ट्रहित में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ करवाये जाने चाहिये। उन्होंने कहा था कि पर्यटन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में काफी तरक्की हुई है। लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार ने विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के 74वें सम्मेलन के दौरान भोपाल में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिये गये चुनाव सुधार सुझावों की मुक्त-कंठ से प्रशंसा की। झारखंड विधान सभा अध्यक्ष श्री चंद्रशेखर प्रकाश सिंह, आंध्रप्रदेश विधान सभा के स्पीकर डॉ. ए.के. चक्रपानी एवं बिहार विधान सभा के उपाध्यक्ष श्री शकुनि चौधरी का मानना है कि अन्य जन-प्रतिनिधियों को भी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री जैसा होना चाहिये, तभी देश और राज्यों के संघीय ढाँचे में बदलाव लाया जा सकता है।
महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र दर्डा ने मध्यप्रदेश के औद्योगिक प्रगति की मुक्तकंठ से सराहना की। श्री दर्डा ने कहा कि मध्यप्रदेश में पोर्ट नहीं है, जंगल का क्षेत्र ज्यादा है फिर भी औद्योगिक क्षेत्र में जिस तरह प्रदेश आगे बढ़ रहा है, काबिले तारीफ है। श्री दर्डा ने यह बात इंदौर में मध्यप्रदेश के उद्योग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में कही।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने मध्यप्रदेश वनवासी सम्मान यात्रा के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों और जल संरचनाओं के संरक्षण और विकास के क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य कर रहा है। पालपुर कूनो में चीतों के विस्थापन की मंजूरी और कान्हा तथा नेशनल पार्क में बफर जोन घोषित कर राज्य सरकार ने तत्कालीन केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री जयराम रमेश का दिल जीत लिया।