भोपाल, नवंबर 2012/ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में वन क्षेत्र बढ़ाने के लिये विशेष योजना और वन ग्रामों के विकास के लिये विशेष कार्यक्रम बनाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ वन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में वन मंत्री सरताज सिंह, वन राज्य मंत्री जयसिंह मरावी और मुख्य सचिव आर. परशुराम भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि वन क्षेत्रों के सर्वे के लिये वन मंत्री विभागीय अधिकारियों के साथ हवाई सर्वे करे। जिन क्षेत्रों में वनीकरण की संभावनाएँ हैं, उनमें प्राथमिकता से वनीकरण की योजना बनाये। सभी पात्र वनवासियों को वनाधिकार पट्टे मिलना सुनिश्चित करे। वनवासियों के रोजगार के लिये कौशल विकास के कार्यक्रम चलायें।

आँवला पौधों की सुरक्षा हो

श्री चौहान ने कहा कि आँवला तथा अचार के पौधों की सुरक्षा के लिये जागरूकता अभियान संचालित करें। बैठक में बताया गया कि आँवले के छोटे पौधे काट लेने की प्रवृत्ति बढ़ने से आँवले की प्रजाति संकट की स्थिति में आ गयी है। मुख्यमंत्री ने वन्य-प्राणी सफारी योजना बनाने और वन विभाग के मैदानी-अमले के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिये।

टसर उत्पादन पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में टसर उत्पादन पर विशेष ध्यान दें क्योंकि इससे वनवासियों को सीधे रोजगार मिलता है। उन्होंने बेर के पौधों पर कुसमी लाख उत्पादन के लिये विशेष अभियान चलाने की सहमति भी दी। मुख्यमंत्री ने गंभीर वन अपराधों को छोड़कर आदिवासियों के विरुद्ध दर्ज छोटे प्रकरण वापिस लेने की कार्रवाई करने को कहा।

साँची पार्लर से मिलेगी वनौषधि

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 12 लाख 46 हजार हेक्टर वन क्षेत्र में रख-रखाव कार्य जारी है। विभाग द्वारा किये गये पौधारोपण की जानकारी वेबसाईट पर डाली गयी है। अब तक प्रदेश में एक लाख 69 हजार वनाधिकार-पत्र वितरित किये गये हैं। विभाग साँची पार्लर से वनौषधि विक्रय की योजना बना रहा है। तेन्दूपत्ता संग्राहकों के 4,526 बीमा प्रकरण का निराकरण किया गया है। विभाग द्वारा वन अभयारण्यों के बाहर के वनों में पर्यटकों के भ्रमण की योजना बना रहा है। वन्य-प्राणी संरक्षण क्षेत्रों में पर्यटन के लिये सफारी योजना तैयार की गयी है। प्रदेश का पहला स्काय जंपिंग केन्द्र भोपाल के पास शुरू होगा।

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