भोपाल, नवंबर 2012/ सरदार वल्लभ भाई पटेल निःशुल्क औषधि वितरण योजना के माध्यम से प्रदेश के लोगों तक रोग निवारण के लिये आवश्यक दवाओं को सहज, सुलभ रूप से उपलब्ध करवाने के लिये योजना की निरंतर मॉनीटरिंग करने की पुख्ता व्यवस्था की गई है। व्यवस्था के अंतर्गत शासकीय अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों को निर्देशित किया गया है कि अस्पताल में आने वाले हर खास-आम व्यक्ति में छोटे-बड़े का भेद किये बिना केवल अस्पतालों में उपलब्ध जेनरिक औषधियाँ ही पर्चे में लिखें।
प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रवीर कृष्ण ने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये हैं कि अस्पतालों की दवाएँ स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों के माध्यम से आयोजित शिविरों अथवा अन्य प्रकार से उपयोग के लिये वितरित न की जाये।
निःशुल्क औषधि वितरण योजना में अस्पतालों में स्थापित निःशुल्क औषधि वितरण केन्द्रों से चिकित्सालयों में आने वाले रोगियों के लिये ओ.पी.डी. समय में और अस्पताल में भर्ती मरीजों को सात दिन और चौबीसों घंटे यह सेवा उपलब्ध रहेगी। जो दवा अस्पताल में उपलब्ध न हो उसे बाहर से खरीदने के लिये न लिखने के संबंध में लिखा गया है। अनुपलब्ध दवाएँ अथवा गैर जेनरिक दवाएँ लिखना दण्डनीय होगा।
अस्पतालों के चिकित्सक जेनरिक दवाओं के प्रिस्क्रिप्शन दवा केन्द्र के लिये लिखेंगे। किसी दवा के स्टॉक में उपलब्ध न होने की स्थिति में निकटतम वैकल्पिक उपलब्ध दवा ही लिखी जायेगी। शासकीय चिकित्सक अस्पताल में उपलब्ध आवश्यक दवाओं की सूची में दर्ज दवा ही मरीजों के लिये लिख सकेंगे। सर्वाधिक उपयोग में आने वाली जेनरिक दवाइयों के अलावा अति आवश्यक लाइफ सेविंग दवाओं का पर्याप्त स्टाक रखने की जिम्मेदारी सी.एम.एच.ओ. अथवा सिविल सर्जन की रहेगी।
योजना की मॉनीटरिंग संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन द्वारा की जायेगी। दवा वितरण संबंधी किसी भी तरह की शिकायत के लिये हितग्राही टेली समाधान केन्द्र के दूरभाष क्रमांक 155343 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। प्राप्त शिकायतों का तुरंत निराकरण करने को भी कहा गया है। इसके अलावा अस्पतालों में भी शिकायत निवारण की व्यवस्था की गई है। इसके लिये सिविल सर्जन, चिकित्सा संस्था प्रभारी द्वारा योजना के संबंध में प्राप्त शिकायतों का निराकरण किया जायेगा।
औषधियों की उपलब्धता, खरीदी आदेश एवं प्राप्ति की समीक्षा प्रतिदिन विशेष तौर से तैयार करवाये गये एस.डी.एम.आई.एस. सॉफ्टवेयर के माध्यम से की जायेगी। वर्ष 2012 में औषधि वितरण के लिये 165 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। इस राशि में से 130 करोड़ की राशि जिलों को उपलब्ध करवाई गई है।
भण्डार में तीन माह की दवा उपलब्धता सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गयी है। इसकी सतत् निगरानी एवं उसके अनुसार ऑनलाइन आदेश जारी किये जा सकेंगे। क्षेत्रीय संयुक्त संचालक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रतिदिन भण्डारण की समीक्षा करेंगे। सभी अधिकारियों को प्रतिदिन एवं साप्ताहिक समीक्षा करने के लिये कहा गया है।
निगरानी की प्रक्रिया के अंतर्गत भण्डार में तीन माह की उपलब्धता की निगरानी की जायेगी। बाह्य रोगी पंजी को हस्ताक्षर कर ऑडिट के लिये रखा जायेगा। दवाओं के भण्डार का संधारण नगदी की तरह किया जायेगा। यह कार्य रजिस्टर में अथवा कम्प्यूटर में किया जायेगा।
प्रत्येक संस्था के लिये न्यूनतम आवश्यक दवाओं की सूची निर्धारित की गई है। जिला अस्पतालों में न्यूनतम औषधियों की संख्या 147, सिविल अस्पतालों में 131, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 107, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 71 औषधि की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। प्रदेश के 1595 स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क औषधि वितरण योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया है। इन केन्द्रों पर ‘‘सरदार वल्लभ भाई पटेल निःशुल्क औषधि वितरण केन्द्र’’ का बोर्ड लगा रहेगा। केन्द्र पर औषधि वितरण के लिये व्यवस्थित काउंटर, पर्याप्त रैक्स एवं औषधियाँ रखने के लिये प्लास्टिक बॉक्स उपलब्ध रहेंगे। साथ ही इन केन्द्रों पर पर्याप्त साफ-सफाई रखने के भी निर्देश दिये गये हैं।