नई दिल्ली, नवंबर 2012/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम् से मुलाकात कर केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी में हुई कटौती पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011-2012 में मध्यप्रदेश के बजट अनुमानों में इस मद में प्रावधानित राशि से 567 करोड़ रूपये की राशि कम प्राप्त हुई थी। उन्होंने आग्रह किया कि आगामी वर्ष 2012-2013 के बजट अनुमानों में केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी कम न की जाय। उक्त मद में कम राशि जारी होने की सम्भावना हो, तो राज्यों को इस कमी को पूरा करने के लिए बाजार से ऋण लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय परिवर्तित योजना में राज्य को प्राप्त होने वाली राशि कम न करने की भी मांग की। और अपनी हाल ही में हुई विश्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा तथा प्रदेश में चल रही विकास गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हुए बदलावों और विश्व बैंक से सस्ते दर पर ऋण लेने की भी बात कही। ग्रामीण एवं नगरीय पेयजल समस्या, सिंचाई परियोजनाओं के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्उत्थान के बारे में भी बताया। ए डी बी द्वारा राज्यों की एम डी आर (मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड) और अन्य सड़कों के सुदृढ़ीकरण और पुनर्निर्माण के चतुर्थ चरण के बारे में भी अवगत करवाया। इसके लिए लगभग 3600 करोड़ की आवश्यकता होगी। राज्य सरकार अपने संसाधनों द्वारा 1100 करोड़ उपलब्ध करवायेगी और शेष 2500 करोड़ रूपये की व्यवस्था ए डी बी बैंक से की जाना प्रस्तावित है।
श्री चौहान ने डोडा चूरा (अफीम के फूल का बचा हुआ शेष हिस्सा) पर प्रतिबंध लगाने के परिणामों से भी केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाया। इससे जुड़े किसानों की समस्याओं के बारे में भी बताया। बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा डोडा चूरा पर प्रतिबंध लगने के कारण किसानों को उसे जलाना पड़ रहा है। इससे किसानों में काफी रोष है। सरकार को डोडा चूरा खरीदकर नष्ट करने की अनुमति दी जाय जिससे किसानों का रोष कम हो और उनको इसका मेहनताना मिल सके।