भोपाल/मुरैना- मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद सरकार ने सारा ध्यान उपचुनावों पर लगा दिया है। भाजपा और शिवराज सरकार इन चुनावों को जीतने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहती। इसीलिए राजनीतिक गतिविधियों के साथ साथ विकास गतिविधियों को भी आगे बढाया जा रहा है। इसी कड़ी में हुए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को चंबल एक्सप्रेस-वे की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर मध्यप्रदेश सहित संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो चर्चा की।
उल्लेखनीय है कि चंबल एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश के भिंड, मुरैना, श्योपुर होते हुए कोटा तक जाएगा। मध्यप्रदेश में जिन 24 जगहों पर उपचुनाव होने हैं उनमें से 16 सीटें ग्वालियर चंबल संभाग की ही हैं। वीडियो चर्चा में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा भी कि उनके लिए यह चंबल एक्सप्रेस-वे नहीं बल्कि चंबल प्रोगेस-वे है। यह चंबल क्षेत्र में औद्योगिक विकास के नए द्वार खोलेगा।
शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि ग्वालियर चंबल क्षेत्र के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट चंबल एक्सप्रेस वे के लिए राज्य सरकार 781 करोड़ रुपये लागत की मदद करेगी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को सबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ इस प्रोजेक्ट को लेकर वीडियो चर्चा की। गडकरी ने कहा कि वे चाहते हैं यह प्रोजेक्ट दो साल में बनकर पूरा हो जाए। इसके लिए संबंधित राज्य सहयोग करें। वे प्रोजेक्ट के लिए लगने वाली सामग्री की रायल्टी में छूट देने के साथ आवश्यक अनुमतियां भी तत्काल जारी करें ताकि काम समय पर पूरा हो सके। प्रोजेक्ट पर 8250 करोड़ की लागत आएगी।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चंबल एक्सप्रेस-वे के बनने से प्रदेश के बीहड़ वाले एवं पिछड़े क्षेत्र को औद्योगिक सेक्टर के रूप में विकसित किया जाएगा। वे इस प्रोजेक्ट को ‘चम्बल एक्सप्रेस-वे’ नहीं ‘चम्बल प्रोग्रेस-वे’ के रूप में देखते हैं। यह सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसमें भारतमाला के अंतर्गत मात्र 50 प्रतिशत भूमि नि:शुल्क उपलब्ध कराने का प्रावधान है। हमारे पास 52 प्रतिशत सरकारी जमीन उपलब्ध है। इस प्रोजेक्ट के लिए शेष 48 प्रतिशत भूमि अदला-बदली मॉडल के तहत उपलब्ध करायी जायेगी। एलाइनमेंट होते ही यह जमीन निर्माण कार्य के लिए सौंप दी जायेगी।
चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 421 करोड़ रुपये लागत की 100 प्रतिशत भूमि नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा प्रदेश सरकार आर्थिक सहयोग के रूप में मिट्टी एवं मुरम के लिए 330 करोड़ रुपये रायल्टी के रूप में प्रदान करेगी साथ ही वन भूमि की अनुमतियों पर होने वाली 30 करोड़ रुपये की राशि भी राज्य वहन करेगा। इस तरह मध्यप्रदेश इस प्रोजेक्ट में 781 करोड़ का सहयोग प्रदान करेगा।
औद्योगिक क्षेत्र बनेगा चम्बल
मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘एक्सप्रेस वे’ प्रदेश में 309 किलोमीटर लंबा होगा। यह भिंड, मुरैना व श्योपुर से होते हुए राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश की सीमाओं को जोड़ेगा। यह मार्ग भिण्ड में गोल्डन क्वाड्रिलेट्रल (आगरा-कानपुर) मार्ग, मुरैना में नार्थ-साउथ कॉरीडोर एवं राजस्थान में दिल्ली-मुम्बई कॉरीडोर से जोड़ा जायेगा। आवागमन का मार्ग सहज एवं सुविधाजनक होने से क्षेत्र को औद्योगिक निवेश प्राप्त होगा। राज्य सरकार आर्थिक/औद्योगिक विकास के लिए इस क्षेत्र को रक्षा उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, भारी उद्योग, वेयर हाउसिंग, लॉजिस्टिक एवं ट्रांसपोर्ट उद्योग के हब के रूप में विकसित करेगी।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि इस प्रोजेक्ट की शुरुआत मुख्ममंत्री चौहान ने वर्ष 2017 में की थी। एक्सप्रेस-वे के बनने से इस पिछड़े क्षेत्र के विकास में बहुत मदद मिलेगी। वीडियो कान्फ्रेंस में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चम्बल एक्सप्रेस-वे को भिण्ड-कोटा रेल्वे लाइन के साथ-साथ बनाने का सुझाव दिया। उल्लेखनीय है कि इस एक्सप्रेस वे का विचार मुरैना के तत्कालीन कलेक्टर विनोद शर्मा ने सुझाया था।
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टीम मध्यमत