भोपाल, नवंबर 2012/ मध्यप्रदेश में चालू खरीफ मौसम में 961 उपार्जन केन्द्र के जरिए मोटा अनाज और धान की खरीदी की जा रही है। उपार्जन वाले विभिन्न जिलों में विगत वर्षों के अनुभव के आधार पर इन केन्द्रों का चयन किया गया है। इसमें जिला कलेक्टरों से भी सहमति ली गई है। खरीदी केन्द्रों पर तौल-काँटा, बाँट, स्टेशनरी आदि की व्यवस्था भी की गई है। धान और मोटा अनाज की खरीदी 31 जनवरी, 2013 तक चलेगी।
उपार्जित धान के लिये 50 किलोग्राम वाले बारदानों का उपयोग किया जा रहा है। प्रत्येक बोरे में 40 किलोग्राम शुद्ध धान भरा जा रहा है। प्रत्येक बारदाने में लगाई जाने वाली स्टेन्सिल पर केन्द्र, समिति और अनाज का नाम, शुद्ध वजन तथा खरीफ विपणन वर्ष 2012-13 लिखा जायेगा। बिना स्टेन्सिल या हल्के रंग के छापे लगे बोरों में उपार्जित स्कंध को किसी भी स्थिति में स्वीकार/जमा नहीं करवाया जायेगा।
उपार्जित धान की खरीदी करने वाली समिति को कॉमन धान एवं ग्रेड-ए धान को अलग-अलग संग्रहीत करने तथा एक ट्रक में एक ही ग्रेड की धान की डिलीवरी करवाने के निर्देश दिये गये हैं। डिलीवरी प्राप्त करने वाले कर्मियों को यह दायित्व सौंपा गया है कि वे कॉमन धान एवं ग्रेड-ए धान का भली-भाँति परीक्षण करने के बाद ही एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता स्कंध की समितियों से डिलीवरी प्राप्त करें। इसमें किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति उत्पन्न होने पर उसकी जिम्मेदारी डिलीवरी प्राप्त करने वाले कर्मी की होगी।
उपार्जित स्कंध के भण्डारण के लिए स्टेट वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन को नोडल एजेंसी बनाया गया है। कार्पोरेशन ही भण्डार गृह उपलब्ध करवायेगा। जिला-स्तर पर उपार्जन की व्यवस्था के पर्यवेक्षण, स्कंध की गुणवत्ता तथा अन्य विषयों पर निर्णय लेने के लिए जिला-स्तर पर प्रशासकीय समिति का गठन किया गया है।
धान का उपार्जन करने वाली नोडल एजेंसी नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा जिला प्रबंधकों को प्रति सप्ताह कम से कम 10 से 15 समिति तथा उनके क्षेत्र में आने वाले भण्डार गृहों का निरीक्षण करने के निर्देश दिये गये हैं। नियुक्त एजेंट सहकारी समितियों का सप्ताह में कम से कम एक बार निरीक्षण होगा। निरीक्षण के दौरान धान की निर्धारित गुणवत्ता, परिवहन की गई मात्रा, बारदानों की स्थिति एवं शेष स्कंध की जानकारी प्राप्त की जायेगी। उपार्जित धान का परिवहन त्वरित रूप से एवं नियमित हो, इसका विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। क्षेत्रीय प्रबंधक सप्ताह में कम से कम 5 समिति और पाँच संग्रहण केन्द्र का निरीक्षण कर समय पर परिवहन की व्यवस्था को सुनिश्चित करेंगे।