हर व्यक्ति के मन की अभिलाषा होती है कि जीवन में वह कम से कम एक बार तीर्थ-यात्रा में जरूर जाय, लेकिन कुछ मजबूरियों के कारण वह तीर्थ-यात्रा में नहीं जा पाता है। इसमें से एक सबसे बड़ी मजबूरी रहती है, आर्थिक कमजोरी। प्रदेश सरकार के मुखिया श्री शिवराजसिंह चौहान ने मध्यप्रदेश की स्थापना के छप्पनवे वर्ष में आम आदमी की इस मजबूरी को न केवल शिद्दत से महशूस किया बल्कि इस मजबूरी को दूर करने का “मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना” के रूप में रास्ता भी निकाला।
श्री चौहान ने बहुत सोच-विचार कर 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को तीर्थ-दर्शन करवाने के लिए योजना बनायी और विगत 3 सितम्बर से उसका क्रियान्वयन शुरू कर दिया। देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण अडवाणी ने भोपाल के हबीबगंज स्टेशन से भोपाल से रामेश्वरम् जाने वाली ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद अनवरत रूप से तीर्थ-यात्रियों को लेकर ट्रेन तीर्थ-स्थलों की यात्रा के लिए जा रही हैं।
अभी तक तीर्थ-दर्शन यात्रा में गयीं 15 ट्रेन
मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में प्रदेश से 31 अक्टूबर तक 15 ट्रेन विभिन्न तीर्थ-स्थलों के लिए जा चुकी हैं। योजना में भोपाल से लगभग 15 हजार बुजुर्ग अपने मन की मुराद पूरी कर चुके हैं। पहली ट्रेन भोपाल से रामेश्वरम् के लिए गयी थी। इसके बाद भोपाल से ही अजमेर शरीफ, रीवा से वैष्णो देवी, बुरहानपुर से वैष्णो देवी, बुरहानपुर से जगन्नाथपुरी, कटनी से वैष्णो देवी, उज्जैन से वैष्णोदेवी, बुरहानपुर से अजमेर शरीफ, जबलपुर से वैष्णो देवी, इंदौर से काशी, रतलाम से जगन्नाथपुरी और भोपाल से द्वारकापुरी, इंदौर से रामेश्वरम् , सागर से पुरी और इंदौर से तिरुपति के लिए तीर्थ-यात्रियों को लेकर ट्रेन रवाना हुई।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि यह योजना लगातार चलेगी। इसके लिए धर्मस्व विभाग मे पृथक बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने तो यहाँ तक कहा है कि इस तरह के प्रावधान कर दिए गए हैं कि आगे आने वाली सरकारें भी इसे बंद नहीं कर पायेंगी।
मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना
धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग द्वारा बनायी गयी मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना के अनुसार प्रदेश के 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को उनके जीवन काल में एक बार प्रदेश के बाहर के निर्धारित तीर्थ-स्थानों में से किसी एक स्थान की यात्रा के लिए राज्य सरकार सहायता देगी। प्रथमत: आई.आर.सी.टी.सी. (रेलवे) के पैकेज के अनुसार यात्रियों को भेजा जाएगा।
पात्रता
तीर्थ यात्री 60 वर्ष से अधिक आयु का एवं मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए। वह आयकर दाता नहीं होना चाहिए। साथ ही उसने तीर्थ-दर्शन योजना का पूर्व में लाभ नहीं लिया हो। तीर्थ यात्री को यात्रा के लिए शारीरिक एवं मानसिक रूप से सक्षम होना चाहिए। तीर्थ यात्री को किसी भी संक्रामक रोग जैसे टी.बी., ह्रदय रोग, श्वास में अवरोध एवं संक्रामक कुष्ठ आदि से पीड़ित नहीं होना चाहिए। आवेदन में सही जानकारी नहीं देने एवं तथ्यों को छिपाने पर किसी भी समय तीर्थ यात्री को योजना के लाभ से वंचित किया जा सकेगा।
आवेदन प्रक्रिया
तीर्थ-दर्शन योजना का लाभ लेने के इच्छुक वरिष्ठ नागरिकों को अपना आवेदन दो प्रतियों में निर्धारित प्रपत्र में भरकर निकटतम तहसील या उप तहसील में निर्धारित समय-सीमा के पहले जमा करना होगा। आवेदक को आवेदन के साथ फोटो और निवास का साक्ष्य भी लगाना होगा। निवास के साक्ष्य के रूप में राशन कार्ड, ड्रायविंग लाइसेंस, बिजली बिल, मतदाता पहचान-पत्र या राज्य सरकार द्वारा स्वीकार्य कोई अन्य साक्ष्य लगाना होगा।
योजना में 65 वर्ष से अधिक उम्र के यात्री के साथ एक सहायक भी जा सकेगा। सहायक की उम्र 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। पति-पत्नी के साथ यात्रा करने पर सहायक ले जाने की सुविधा नहीं रहेगी। आवेदक पति-पत्नी में से किसी एक का नाम चुना जाता है, तो उसका जीवन साथी भी यात्रा पर जा सकेगा। जीवन साथी की आयु 60 वर्ष से कम होने पर भी वह यात्रा कर सकेगा। जीवन साथी का आवेदन भी साथ में ही देना होगा। इसी प्रकार सहायक का आवेदन भी आवेदक के साथ ही जमा किया जाएगा।
योजना का लाभ लेने के लिए यदि वरिष्ठ नागरिक समूह में आवेदन करते हैं, तो संपूर्ण समूह को एक आवेदन मानते हुए लाटरी में सम्मिलित किया जाएगा। एक समूह में अधिक से अधिक 25 आवेदक हो सकते हैं। इनमें सहायक भी शामिल होगा।
चयन-प्रक्रिया
तीर्थ यात्रियों का चयन कलेक्टर द्वारा किया जाता है। सबसे पहले प्राप्त आवेदनों को स्थानवार छाँटा जाता है। यदि निर्धारित कोटे से अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं, तो लाटरी द्वारा तीर्थ यात्रियों का चयन किया जाता है। कोटे से 10 प्रतिशत अतिरिक्त व्यक्तियों की प्रतीक्षा सूची भी बनायी जाती है।
ऐसे तीर्थ यात्री जो यात्रा के दौरान शासन द्वारा निर्धारित सुविधाओं के अतिरिक्त सुविधाएँ प्राप्त करना चाहते हैं, उसका भुगतान उन्हें स्वयं करना होगा। यात्रा के दौरान किसी तरह के ज्वलनशील पदार्थ एवं मादक पदार्थ और आभूषण ले जाने की अनुमति नहीं रहेगी। यात्रा के दौरान किसी दुर्घटना के लिए राज्य शासन उत्तरदायी नहीं होगा।
योजना में 17 तीर्थ-स्थान शामिल
तीर्थ-दर्शन योजना में राज्य शासन ने वर्तमान में श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री जगन्नाथपुरी, श्री द्वारकापुरी, हरिद्वार, अमरनाथ, वैष्णो देवी, शिरडी, तिरुपति, अजमेर शरीफ, काशी, गया, अमृतसर, रामेश्वरम, सम्मेद शिखर, श्रवण बेलगोला और बेलांगणी चर्च, नागापट्टनम तीर्थ को शामिल किया है।
तीर्थ यात्रा के लिए राज्य एवं जिला स्तरीय प्रबंध समिति
मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में वरिष्ठजन की तीर्थ-यात्रा की समुचित व्यवस्था के लिए राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन प्रबंध समिति का गठन किया गया है। इसी तरह जिले में भी प्रबंध समिति गठित की गयी है।
राज्य स्तरीय प्रबंध समिति
राज्य स्तरीय प्रबंध समिति के अध्यक्ष धार्मिक न्यास एव धर्मस्व मंत्री हैं। समिति में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री, पर्यटन मंत्री, प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और प्रमुख सचिव, पर्यटन सदस्य हैं। प्रमुख सचिव धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व समिति के सचिव हैं।
जिला स्तरीय प्रबंध समिति
जिला प्रभारी मंत्री जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष हैं। कलेक्टर समिति के सचिव हैं। समिति में पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, कलेक्ट्रेट के माफी शाखा के प्रभारी अधिकारी या कलेक्टर द्वारा नामांकित डिप्टी कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और जिले के सत्कार अधिकारी सदस्य हैं। प्रभारी मंत्री की अनुपस्थिति में कलेक्टर समिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह समितियाँ वरिष्ठ नागरिकों की यात्राओं का प्रबंध करने के साथ ही यात्रियों की समस्याओं का निराकरण भी करती हैं।
एक नवम्बर के बाद जाने वाली ट्रेन
मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में दतिया से रामेश्वरम् के लिये 3 नवम्बर को, सागर से शिरडी के लिये 4 नवम्बर, जबलपुर से द्वारकापुरी के लिये 9 नवम्बर, रीवा से तिरुपति के लिये 24 नवम्बर, सागर से तिरुपति के लिये 3 दिसम्बर, रीवा से शिरडी के लिये 13 दिसम्बर, जबलपुर से गाडरवारा के लिये 21 दिसम्बर और भोपाल से शिरडी के लिये 31 दिसम्बर को ट्रेन रवाना होंगी। प्रत्येक ट्रेन में संबंधित जिलों के लगभग 980 तीर्थ-यात्री जायेंगे।
तीर्थ-यात्रियों की प्रतिक्रियाएँ
रामेश्वरम् की यात्रा में भोपाल से गईं सिरोंज जिले के ओबेदुल्लागंज की चिरोंजीबाई ने कहा कि मुख्यमंत्री की वजह से हमें भगवान के दर्शन हो गये। सरकार आज हमारे लिये श्रवण कुमार बन गई। रायसेन के रतिराम मेहरा और उनकी पत्नी भगवतीबाई ने कहा कि बुजुर्गों के लिये यह योजना बनाकर शिवराज सिंह ने इतिहास रचा है। राजगढ़ जिले के खिलचीपुर निवासी दुलीलाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने तीर्थ-यात्रा करवाकर हमारी वर्षों की इच्छा पूरी कर दी। भोपाल की 70 वर्षीय तुलसीबाई ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बेटों से बढ़कर काम किया है। भोपाल की सुधा खरे का कहना था कि मुख्यमंत्री को सबकी चिंता है। उन्होंने पहले बेटियों, महिलाओं और विद्यार्थियों की चिंता की और अब बुजुर्गों के लिये ऐसी योजना बनाई जो हम अखिरी समय तक याद रखेंगे। हमारा पूरा परिवार उन्हें आशीष दे रहा है।
अजमेर यात्रा में गये यात्रियों का कहना था कि मुख्यमंत्री ने इस योजना द्वारा सर्वधर्म समभाव का जो नायाब उदाहरण पेश किया है, वह प्रदेश ही नहीं देश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा। दरगाह शरीफ रायसेन के हाजी मियाँ ने कहा कि मध्यप्रदेश हिन्दुस्तान का पहला प्रांत है, जहाँ बुजुर्गों के बारे में इतना सोचा जा रहा है। कोठी बाजार बैतूल के श्री हिमायत बेग ने कहा कि उनकी बरसों पुरानी हसरत पूरी हो गई है। उज्जैन जिले के तराना के श्री आरिफ तरानवी ने कहा कि इस एक कदम से मुख्यमंत्री हर वर्ग की हरदिल अजीज़ हस्ती बनकर उभरे हैं। शुजालपुर के श्री अजीजउद्दीन ने कहा कि बड़ी खुशकिस्मती है कि प्रदेश सरकार के सौजन्य से हम ख्वाजा के दरबार जा पाये।
खण्डवा जिले के माकड़कच्छ निवासी श्री बलदेव ने बताया कि पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण वे तीर्थ-यात्रा नहीं कर पाये थे, लेकिन अब वे मुख्यमंत्री की इस योजना से अपनी बरसों पुरानी लालसा वैष्णो देवी जाकर पूरी कर पाये।
इस तरह से मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना की सभी धर्म एवं वर्ग के लोगों ने सराहना करते हुए इसे सर्वधर्म समभाव की एक अनूठी मिसाल बताया है। इसके साथ ही इस योजना ने बुजुर्गों की बरसों पुरानी ख्वाहिश भी पूरी की है। अब प्रदेश का हर बुजुर्ग कोई न कोई तीर्थ-यात्रा जरूर कर सकेगा।
गरीवो को यह योजना वहुत अच्छी सवित हो रही हे
मुख्यमंत्री जी का आभार। किन्तु बुजुर्ग व्यक्तियो को कम से कम 3 से 4 यात्रा करने का मोका मिलना चाहिए।
पवन जी कुछ गरीब बुजुर्ग को 1 बार ही मोका नहीं मिल पाता है
इस लिए पहले उन लोगों का चयन होना चाहिए जिन लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया हो
मुख्य मंत्री जी से निवेदन है कि इस योजना को और बेहतर बनाने के लिए
जिन बुजुर्गो का एक बार फार्म जमा करने पर उनका चयन नहीं हुआ है
उन बुजुर्गो को उनके पहले जमा किए गए फार्म के आधार पर ही उनका चयन होना चाहिए
क्योंकि कुछ गरीब लोग दोबारा फार्म जमा करने में सक्षम नहीं होते
धन्यवाद भारत माता की जय